टोंक। बसंतीय नवरात्रा का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से रात्रि 8.21 बजे तक है। बसंत नवरात्रा का प्रारंभ चैत्र शुक्ल में उदय व्यापिनी प्रतिपदा तिथि द्विस्वभाव लग्न युक्त प्रात: काल में होता है, जिसमें चित्रा नक्षत्र वैधृति योग को वर्जित बताया गया है,
परन्तु अभिजित मुहुर्त में करने के शास्त्र निर्देश है, इस वर्ष उतरा भाद्रा नक्षत्र दोपहर 3.31 बजे तक है इस दिन शुक्ल योग सुबह 9.16 बजे तक उपरांत ब्रह्म योग शुरू हो जायेगा मा भगवती नाव पर सवार होकर आ रही है ।
इसे देवी दुर्गा का शुभ वाहन माना जाता है। मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि बसंतीय नवरात्रा का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च बुधवार को द्वि-स्वभाव मीन लग्न सूर्योदय 6.33 से 7.38 बजे तक है, लाभ अमृत का चोघडिय़ा सुबह 6.33 से 9.33 तक, शुभ का चोघडिय़ा 11.03 से 12.33 तक है, चर लाभ का चौघडिय़ा दोपहर 3.33 से सांय 6.35 तक शुभ है, जिसमेेंं
द्वि-स्वभाव मिथुन लग्न दिन में 11.12 से 12.10 बजे तक है, नवरात्रा घट स्थापना किया जाना श्रेष्ठ है । महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि अष्टमी तिथि 29 मार्च बुधवार को रात्रि 11.31 बजे तक है,
जिसमें दुर्गा अष्टमी पूजन दिन व रात्रि को किया जा सकता हैं एवं 30 मार्च गुरुवार को रामनवमी पुनर्वसु नक्षत्र रात्रि 10. 59 बजे तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो शुभाशुभ श्रेष्ठ योग है, इस समय किये गए कार्यो का विशेष शुभ फल मिलता है ।