Tonk। टोंक आबकारी विभाग (Tonk Excise Department) के ऑफिस पहुंचे शराब व्यापारियों (Wine merchants) ने आबकारी के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई। अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर दुकानों की चाबियां डीईओ (DEO) की टेबल पर रखकर चले गए। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय निरीक्षक लाइसेंस (Inspector’s license) वाली दुकानों पर कार्रवाई कर रही है।
टोंक शहर में शराब व्यापारी आबकारी विभाग की कार्रवाई से परेशान है। कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) की पालना के अनुसार दुकानें खोलने के बाद विभाग के अधिकारी व्यापारियों को परेशान करते है। छापे की कार्रवाई अवैध शराब पर करने की बजाय विभाग द्वारा जारी लाइसेंस की दुकानों पर ही कार्रवाई कर रहे है।
अब खुले आम व्यापारियों के बाते सुनकर डीईओ और निरीक्षण के सामने कोई जवाब नहीं था। व्यापारियों ने स्पष्ट कहा कि आप साथ चलिए पिछले साल का लाइसेंस अब अवैध तरीके से शराब बेच रहे हैं। चलिए आपको दिखाते है कार्रवाई कीजिए लेकिन डीईओ के सामने कोई जवाब नहीं था। बस कार्रवाई करने की बात कहते रहे। व्यापारियों ने डीईओ अनिल यादव और सीआई मोना कंवर पर गंभीर आरोप लगाए लेकिन दोनों ही अधिकारी सरकारी नियमों और कार्रवाई करने की बात करते रहे।
व्यापारियों की नाराजगी पर आबकारी विभाग के अधिकारियों के पास जवाब नहीं है। लेकिन सच्चाई है कि शहर में लॉकडाउन के दौरान भी 11 बजे बाद शराब बिक रही है। विभाग अवैध शराब पर कार्रवाई करने के बजाय व्यापारियों पर कार्रवाई कर रहा है। अब शराब की दुकानें नहीं खुलेगी तो अवैध शराब ज्यादा बिकेगी। वहीं राजस्व का नुकसान होगा। लेकिन देखने वाली बात ये है आबकारी विभाग के अधिकारी व्यापारियों की नाराजगी कैसे दूर करते है।