- कम पानी में अधिक पैदावर लेने में सहायक,फसल नही सुखतीस्टार्टअप
- आइडिया पर काम करने के लिए जापान से बुलावा
- स्टार्टअप टीम को मिल चुके हैं 25 नेशनल, 3 इंटरनेशनल अवॉर्ड
Tonk News / Dainik reporter : अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज़ को चाहो तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है। जीवन में अगर कुछ करने का जज़्बा हो और सच्ची लग्न हो तो मुश्किल से मुश्किल कार्य भी बड़ी आसानी से किया जा सकता है,
इसका जीता जागता उदाहरण टोंक जिले के पीपलू (Pipalu)उपखण्ड के मौलीपुरा (Maulipura) निवासी बुद्धिप्रकाश गुर्जर है, जिसने वेस्ट मटेरियल (West material) से वाटर रिटेंशन (Water retentionWater retention) अविष्कार (invention) किया है। जो सूखी और बंजर जमीन में प्रयोग करने पर मृदा में लम्बे समय तक नमी बनाए रखता है।
इससे फसल सूखती नहीं है। ये कम पानी में अधिक पैदावार लेने में सहायक है। इजाद से प्रेरित होकर बुद्धिप्रकाश गुर्जर (Buddhaprakash Gurjar) की स्टार्ट अप टीम (Start up team) को जापान के ओकिनावा विश्वविद्यालय (Okinawa University of Japan) ने एक्सीलेटर प्रोग्राम के तहत जापान में अपने स्टार्टअप आइडिया पर काम करने के लिए प्रस्ताव दिया है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट से पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में फसलों की अच्छी पैदावार की नई संभावनाओं जन्म लेंगी।
पिता ने कर्ज लेकर पढ़ाया
बुद्धिप्रकाश ने निवाई से कक्षा 10, टोंक से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण की। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। उसकी इंजीनियरिंग क्षेत्र में जाकर नाम कमाने की इच्छा थी । लेकिन पिता की गरीबी आड़े आ गई। इस पर बुद्धिप्रकाश ने अपने गुरु कजोड़मल गुर्जर से बात कही। इस पर गुरु ने परिजनों से बात की। जिस पर बुद्धिकप्रकाश के पिता ने उसके उच्चअध्ययन के लिए ब्याज पर पैसे लेकर उसे पढ़ाया। बुद्धिप्रकाश ने मेहनत की तथा उदयपुर के महाराणा प्रताप कॉलेज में स्कॉलरशिप बेस पर बीटेक की।
ऐसे शुरू हुआ स्र्टाट अप
बुद्धिप्रकाश ने बताया कि कॉलेज में अध्ययन के समय जूनियर नारायणलाल गुर्जर ने कम पानी में अधिक उत्पादन को लेकर इनोवेशन के लिए विचार रखा। इस पर प्रोफेसर से बात की। प्रयोग शुरु किया गया।
बायोवेस्ट चीजों का इस्तेमाल कर एक इको फ्रेंडली वाटर रिटेंशन विकसित किया। बुद्धिप्रकाश ने बताया कि यह आविष्कार पूरी तरह से जैविक कचरे (बायो-वेस्ट) से बना है, जिसमें फलों के छिलके होते हैं, जिन्हें जूस बनाने वाले छोटे कारखाने अक्सर फेंक देते है। जैविक कचरे से बनने के कारण यह पाउडर बाज़ार में मिलने वाली किसी भी पॉलीमर से बहुत सस्ता है।
साथ ही, इसमें प्रयोग हुई सभी चीज़ें पर्यावरण के अनुकूल हैं, तो ये फसलों के लिए उर्वरक का काम भी करते हैं और उन्हें बढऩे में मदद करते हैं। प्रयोग सफल रहने पर स्र्टाट अप शुरु किया। बुद्धिप्रकाश ने बताया कि स्र्टाट अप में 5 जनों की टीम बनाई गई। इसमें दो व्यक्ति टोंक जिले से शामिल हैं।
इसमें फाउंडर नारायणलाल गुर्जर राजसमंद, को-फाउंडर बुद्धिप्रकाश गुर्जर मौलीपुरा, पीपलू (टोंक), पूरणसिंह, अंकित जैन मालपुरा, शशिप्रताप शामिल हैं। इनकी टीम को इस कार्य के लिए 25 नेशनल, 3 इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं।