टोंक की अदबी शख्सियत अमीर अहमद सुमन नही रहे

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Tonk टोंक की अदबी शख्सियत अमीर अहमद सुमन भी अलविदा कह गए शनिवार 1 मई 2021 को सवेरे ही जब हिंदी उर्दू साहित्य और सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए प्रबुद्ध जनों को इस दुखद हादसे का मैसेज मिला यह मैसेज उनके चहेते पारिवारिक मित्र जर्नलिस्ट मनोज तिवारी ने भेजा, पिछले दिनों एक मीटिंग के बाद उनको बुखार हो गया ऑक्सीजन स्तर नीचे आने की वजह से पिछले एक हफ्ते से वह सआदत अस्पताल टोंक में भर्ती थे।

सुमन साहब की बेबाकी जिंदादिली खुश अखलाक से साहित्य और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े उनके साथी बेहद प्रभावित रहे जो उनको नजदीकी से जानते हैं वह बताते हैं कि अपनी जिंदगी को रिसर्च के साथ जीने वाले अमीर अहमद वाकई दिल दिमाग से अमीर रहे और सुमन की तरह हमेशा मुस्कुराता हुआ उनका चेहरा उनकी शख्सियत का आईना रहा, हर वह फील्ड जिसमें रिसर्च के जरिए समाज को

नया कुछ मिल सकता है ऐसी रिसर्च की सोच उनकी रही, इतिहास के साथ सभ्यता संस्कृति की विरासत को समेटने की उनकी मेहनत,सद्भावना का जज्बा, कलम की ताकत से समाज को दिशा देने का जुनून उनको अहम मुकाम दिलाता है, गांधीवादी विचारक मुजीब आजाद ने उनकी याद को ताजा करते हुए कहा ” कई मर्तबा ऐसा हुआ कि मैंने बिना उनको फोन किए सीधे बेतकल्लुफी के

साथ उनसे घर पर मुलाकात के लिए पहुंच गया और उनकी सारी शिकायत भाई मुजीब मुलाकात नहीं करते आजाद हो गए हो आजकल यह हमारी शिकायत है दर्ज कर लो, का सीधा जवाब उनके सामने पहुंचते ही दे देता था बिना किसी अल्फाजों के उनके सामने अपनी मौजूदगी से और वह भी

मुस्कुरा कर कहते थे भाई आज तो शिकायत दूर कर दी, उनके पास जो जिंदगी का सरमाया रहा वह उनकी पसंदीदा किताबें जो एक लाइब्रेरी की शक्ल ले चुकी है उनका डाक टिकट का पोस्टल संग्रह हो या रियासत काल और आजादी के बाद और पहले के ऐतिहासिक सिक्के जो उन्होंने अपनी मेहनत से कलेक्ट किए अपने आप में संग्रहालय की अनमोल धरोहर का मुकाम रखते हैं”

मुजीब आजाद के अनुसार अमीर अहमद सुमन को ऐतिहासिक धरोहरों के संग्रह का जुनून सवार रहता था उन्होंने ऐसे बेहतरीन संग्रह किए जो हमारी विरासत का एहसास कराते हैं हमारे इतिहास को बयान करते हैं l

जिला प्रशासन के प्रशासनिक अधिकारी नवनीत कुमार ने शिक्षाविद अमीर अहमद सुमन से अपने स्नेह का इजहार करते हुए कहा ” मैं कल ही सुमन साहब से मिल कर आया था, ICU वार्ड में गया

डॉक्टर साहब से बात हुई, तब तक सब अच्छा था। रात अचानक ना जाने क्या हुआ, वो हमें छोड़ कर चले गये,अब स्मृति शेष, वो हमारे दिलों में ज़िंदा रहेंगे।”

टोंक के जिला कलेक्टर रहे प्रियदर्शी ठाकुर जो ख्याल तखकल्लुस से लेखन को समर्पित है उन्होंने साहित्यकार सुमन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हमने एक बेहतरीन इंसान खो दिया उनकी यादें हमेशा साथ रहेंगी अल्लाह मगफिरत फरमाए l

सूरज सिंह नेगी एडीएम सवाई माधोपुर में अमीर अहमद सुमन के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि टोंक जिले में एक बेहतर इंसान , साहित्यकार खो दिया है जिसकी पूर्ति अब कभी ना हो पाएगी वह हमेशा हम सब के दिल में रहेंगेl

शिक्षक दिवस पर 1993 में राजस्थान के राज्यपाल द्वारा सम्मानित अमीर अहमद सुमन का जन्म टोंक रियासत के परगने सिरोंज में 7 मई 1949 हुआ, टोंक के इतिहास को लेकर वह आजकल शिद्दत के साथ काम कर रहे थे उनकी टोंक से मोहब्बत और उनसीयत बेपनाह रही l

अमीर अहमद सुमन ने अनेक शोध कार्यों पर कार्य किया अपना जीवन शिक्षक के रूप में व्यतीत करने वाले सुमन द्वारा लिखित पुस्तकों में बहुमुखी प्रतिभा के धनी डा. अंबेडकर, बाेलता आखर भाग 3, नवरंग साक्षरमाला, आओ हम पढे उर्दू भाग तीन, वागड के स्वतंत्रता सैनानी पर रिपोर्ताज आदि प्रमुख हैं l

अमीर अहमद सुमन के निधन पर शिक्षा क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों अनेक सामाजिक संस्थाओं संगठनों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए अपूरणीय क्षति बताया है l

✍️ मुजीब अता आजाद

गांधीवादी विचारक एवं लेखक, महात्मा गांधी द्वारा स्थापित विभिन्न गांधीवादी संस्थाओं के प्रतिनिधि आचार्यकुल, वर्धा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 150वीं जन्म उत्सव समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं l

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