टोंक ज़िला बाल-विवाह मामले में राजस्थान में पांचवे स्थान पर,बाल-विवाह रोकथाम के नाम पर NGO भी कर रहे खानापूर्ति

Firoz Usmani
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टोंक(फ़िरोज़ उस्मानी)। ज़िलें में बाल-विवाह रोकने के सारे प्रयास विफल हुए है,सरकार से लेकर NGO तक सही तरह कार्य नही कर सके है। बाल विवाह रोकथाम हेतू वर्षो से ज़िलें में शिव शिक्षा समिति रानोली नाम से NGO चलाया जा रहा है, ये NGO भी कुछ खास नही कर पाया है। ज़िलें में बाल-विवाह रोकने के लिए अभियान केवल मीडिया में फ़ोटो छपाई तक ही सीमित है।।

राजस्थान में बाल विवाह की स्थित बड़ी चिंताजनक है, इसमें बालिकाओं के विवाह 25.4 और बालक 28.2 प्रतिशत है। इसी तरह राजस्थान में टोंक ज़िला 5 वें स्थान पर है।

पाँचवे स्थान पर होने का मतलब है, ज़िलें में बाल विवाह को लेकर किए जा रहे सारे प्रयास विफल हुए है। प्रति वर्ष ज़िला प्रशासन और NGO द्वारा आंकड़े पेश कर गिरावट दर बता दी जाती है।।कई बार ज़िला प्रशासन और NGO के आंकड़े भी आपस मे मेल नही खाते है।। सरकार बाल विवाह रोकथाम के लिए करोड़ो खर्च कर रही है,लेकिन स्थित ढाक के तीन पात ही है।

टोंक ज़िलें में वर्षो से बाल विवाह रोकथाम के लिए शिव शिक्षा समिति रानोली नामक NGO भी चलाया जा रहा है,करोड़ो रूपये का फंड इसको दिया जाता है,ये NGO भी केवल मीडिया कार्यशालाओं तक ही सिमटा हुआ है, अभियान के नाम पर बैनरों और मीडिया में खबरें छपवाकर खानापूर्ति की जा रही है।

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इस NGO द्वारा बाल विवाह को रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई दिखाई नही दी है। हर वर्ष मीडिया को बुलाकर टी-पार्टी कर दी जाती है,कुछ आंकड़े पेश कर खानापूर्ति कर दी जाती है।

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जबकि इस NGO को बताना चाहिए कि उन्हें कितना फंड कहा से मिल रहा है और कहाँ खर्च किया जा रहा है।।कुल मिलाकर बाल विवाह को लेकर ज़िलें की स्थिति चिंताजनक है।

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।