Tonk News /उनियारा/पलाई, (माजिद मोहम्मद) ।
अधिकारियों के क्षेत्र में टिड्डियों के चौथे दौर में फिर आने से कृषि अधिकारियों एवं किसानों में हड़कंप मच गया तथा उच्चाधिकारियों की नींद उड़ गई। ज्ञातव्य रहे कि सहायक निदेशक कृषि विस्तार दूनी राधेश्याम मीणा, सहायक कृषि अधिकारी उनियारा मोरपाल मीणा, कृषि पर्यवेक्षक थैलेंद्र सिंह-रामहेत मीणा ये सब उनियारा क्षेत्र के निवासी हैं।
इनके ही क्षेत्र में टिड्डियो ने कल शाम को चतरपुरा, महाराजपुरा सहित आसपास के क्षेत्रों में डेरा डाल दिया। जिससे इन अधिकारियों की एवं उच्चाधिकारियों की नींदें उड़ गई।शाम के समय कृषि पर्यवेक्षक थैलेंद्र सिंह, सहायक कृषि अधिकारी उनियारा मोरपाल मीणा ने टिड्डियों के जमाव क्षेत्र का निरीक्षण कर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया।जिस पर सुबह कृषि विभाग सहायक कृषि अधिकारी उनियारा मोरपाल मीणा, कृषि पर्यवेक्षक थैलेंद्र सिंह, कृषि पर्यवेक्षक रामहेत मीणा मौके पर पहुंचे। शाम के समय में ठण्डा क्षेत्र होने से टिड्डियां चतरपुरा-महाराजपुरा सहित आसपास के क्षेत्रों में जमी रही।
जो सुबह तक चारों तरफ फैल गई।रात भर क्षेत्र में रहने से इन अधिकारियों-उच्चाधिकारियों एवं किसानों में चिंता की लकीरें उभर आई। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार टिड्डियों के आसपास क्षेत्र में फैलने की संभावनाओं को देखते हुए सहायक कृषि अधिकारी उनियारा मोरपाल मीणा के नेतृत्व में ट्रैक्टर मशीन की सहायता से चतरपुरा-महाराजपुरा के आस -पास क्षेत्र में छिड़काव करवाया।
लेकिन क्षेत्र में उच्चाधिकारियों की लापरवाही के चलते हुए टिड्डियों पर समय रहते काबू नहीं पाने एवं रात भर रहने से किसानों में भविष्य की फसलों को लेकर चिंता की लकीरें उभर आई।अधिकारी टिड्डियां कंट्रोल को लेकर आपस में चर्चा करते रहे।लेकिन संपूर्ण क्षेत्र में फैलने के कारण अधिकारी टिड्डियों पर कंट्रोल नहीं कर सके।ये टिड्डियां एक जगह से दूसरी जगह पर उड़कर बैठती रही। यदि मानसून पूर्व इन पर कंट्रोल नहीं किया गया तो इसका खामियाजा आम किसानों को आने वाली भविष्य की फसलों में भुगतना पड़ सकता है।
सहायक कृषि अधिकारी उनियारा मोरपाल मीणा का कहना है कि टिड्डियों के जमाव क्षेत्र में ट्रैक्टर मशीन की सहायता से छिड़काव करवाया जा चुका है। इनसे 30%टिड्डियां खत्म हो चुकी है तथा 30%के लगभग उड़ा दी गई हैं। अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण संपूर्ण टिड्डियों पर कंट्रोल नहीं हो पाया है।
यदि मानसून पूर्व इन पर कंट्रोल नहीं हो पाया तो किसानों के सामने कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।इनके संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।