पीपलू (ओपी शर्मा)। एक और राज्य सरकार वन संपदा को बचाने के लिए अनेकों योजनाएं धरातल पर उतारती है वही विभाग के संबंधित कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत वह अनदेखी के चलते क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं।
जिसकी शिकायत पर्यावरण प्रेमियों ने प्रमुख शासन सचिव, वन अधिकारी जयपुर होप टोंक जिले के आला अधिकारियों को शिकायत तक की लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने भू माफियाओं से सांठगांठ करने का ठेका ले लिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार वनपाल नाका सोहेला के वन खंड दादीयां में आराजी खसरा नंबर 84 / 665, 84 / 589, 84 / 590, 84/ 591, 84 / 592, 84 / 593, 84 / 595, 84 / 596 आदि खसरा नंबर वन भूमि की जमाबंदी में अंकित है जिस पर भू माफियाओं द्वारा तारबंदी वह पोल लगाकर करीब 200 बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया।
जबकि पूर्व फॉरेस्टर रमेश चंद्र पारीक ने वर्ष 1997 में उक्त भूमि का अमीन सत्यनारायण सेन द्वारा सीमा ज्ञान करवाकर सीमेंट की मुडिया बनवाई थी जिस पर कार्यवाही करते हुए 200 बीघा भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया था।
जिसमें अनेक प्रजाति के वृक्ष लगाए गए थे। लेकिन वर्तमान में वन विभाग कर्मचारियों द्वारा सांठगांठ कर 200 बीघा भूमि पर कब्जा करवा कर बुवाई करवा दी गई। जबकि वन विभाग क्षेत्र में विभाग की वीट प्रणाली चलती रहती है ।
जिससे बीट में चलने वाले अवैध गतिविधियों व नुकसान की जानकारी उच्च अधिकारियों को देनी होती है लेकिन वन विभाग अवैध गतिविधियों पर ध्यान ना दे कर क्षेत्र में वन विभाग के रकबे को घटाने का कार्य जोर-शोर से शुरू किया हुआ है।
वही करीब 2 माह पूर्व बोरखंडी खुर्द में 68 बीघा भूमि पर भू माफियाओं द्वारा वन भूमि को खुर्द -बुर्द करने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं करने से उच्च अधिकारीयों व निम्न अधिकारियों की मिलीभगत का संदेह जगजाहिर हो रहा है जिसके चलते वन संपदा नष्ट हो रही है। जिससे वन्य प्रेमियों मे प्रर्यावरण को लेकर काफी चिंता हो रही हैं।