Tonk News । टोंक जिले के टोडारायसिंह उपखंड मुख्यालय के तहसील कार्यालय स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष में बीती रात लगभग 10 बजे उस समय हडक़ंप मच गया जब वहां कोब्रा सांप भीतर जा घुसा। जिस समय कोब्रा सांप नियंत्रण कक्ष में घुसा वहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भागकर बाहर आ गये। कर्मचारीयों द्वारा इस मामले की जानकारी तहसीलदार मनमोहन गुप्ता को दिये जाने के बाद उनके द्वारा टोडारायसिंह वन रैंज के वनकर्मियों से संपर्क साधा गया लेकिन उनके द्वारा कोब्रा रेसक्यु किये जाने के इंकार कर दिया गया। तहसीलदार गुप्ता द्वारा बाद में इस मामले को लेकर जिला मुख्यालय पर एडीएम प्रशासन सुखराम खोखर व वन्यजीव प्रेमी व सर्प संरक्षण के कार्य में जुटे मनोज तिवारी से संपर्क साधा गया ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा मनोज तिवारी व उनसे साथ स्वैच्छिक रूप से सर्प संरक्षक के कार्य में जुटे बंशीधर अग्रवाल को कलेक्ट्रेट में तैनात कर्मचारी अवनीश सिंह नरूका के साथ टोडारायसिंह भेजा गया। जिसके बाद रात लगभग 11 बजे वहां पहुंचे मनोज तिवारी ने आलमारी के नीचे छिपकर बैठे कोब्रा सांप को कुछ ही मिनिटों में अपने स्नैक बैग में क़ैद कर लिया ।
टीम द्वारा कोब्रा को पकड़ लिये जाने के बाद वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस लेते हुए बकाया कि अगर कोब्रा के भीतर घुसने के दौरान उनकी निगाह उस पर नहीं पड़ी होती को रात के कक्ष के भीतर सोने या बैठने के दौरान वहां तैनात कोई कर्मचारी सर्पदंश का शिकार हो सकता था ।
पकड़े गये कोब्रा सांप को बाद में टोडारायसिंह के पास ही वन क्षैत्र में छोड़ दिया गया। मनोज तिवारी ने बताया कि कोब्रा सांप लगभग साढ़े चार फीट लंबा था व नाजा नाजा प्रजाति का कोब्रा था, जो कि विश्व में सांपों की सर्वाधिक जहरिली प्रजातियों में से एक है। तिवारी ने यह भी बताया कि सर्पदंश का शिकार होने पर पीडि़त को सबसे पहले अस्पताल ले जाया जाना चाहिये जिससे की उसे समय पर एंटी वेनम लगाया जा सके और उसकी जान बचायी जा सके।