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बेपरवाह कानून अवैध बजरी खनन मिलीभगत से देते हैं अंजाम - Dainik Reporters

बेपरवाह कानून अवैध बजरी खनन मिलीभगत से देते हैं अंजाम

liyaquat Ali
12 Min Read

 

फोन से सेटिंग- पुलिस के सामने एस्कॉर्ट करते हुए निकलते है बजरी से भरे वाहन,सुप्रीम कोर्ट के आदेश ना के बराबर

बनास नदी से जयपुर बजरी मंडी तक ऐसी फील्डिंग ओर मेप की दिन-रात निकलते है 100 वाहन, बजरी परिवहन को जेड प्लस सुरक्षा

बजरी रोक के बाद पनप रहे पुलिस व बजरी माफ़िया ,अवरलोड वाहनों पर नही लग रहा अंकुश

निवाई। (विनोद सांखला) दत्तवास थाना क्षेत्र में दिन-रात के समय अवैध रूप से बजरी का परिवहन जोरों से हो रहा है। सुबह ट्रैक्टरों में बजरी भरकर परिवहन का खेल शुरू हो जाता है जो सारी रात चलता है। इस दौरान ये ट्रैक्टर चालक तेज गति लापरवाही से वाहन चलाकर ज्यादा से ज्यादा बजरी को जयपुर मंडी में बेच कर चांदी कूटने में लगे रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बजरी खनन पर रोक लगी हुई है इसके उपरांत भी लोगों को कानून के प्रति कोई डर नहीं है बेखौफ दिनदहाड़े अवैध रूप से बजरी का परिवहन किया जाता है। अवैध बजरी से भरे डंपर और यह ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिस प्रशासन की मिलीभगत को दर्शाता है या अनदेखी को इसका जवाब प्रशासन ही दे सकता है।अवैध रूप से बजरी परिवहन पर प्रशासन की मिलीभगत को दर्शाता है।हर रोज दिन और रात को बजरी माफियाओं द्वारा बनास नदी की बजरी बेधड़क परिवहन होती है।

सुप्रीम कोर्ट का असर ना के बराबर हैं।
दिन हो या रात आपको बजरी का परिवहन के बनास नदी से वाया शिवाड़, सिरस, बस्सी से वाया नोहटा ,केरोद, सिरोही, बड़ागांव मोड़ होते हुए नयागांव उर्फ श्रीरामपूरा से कुरावदा, थूनी, हिंगोनिया दत्तवास थाना क्षेत्र के चारों ओर से अवैध बजरी से भरी गाड़िया डम्पर,ट्रेक्टर-ट्रॉली निकलते है सुबह 4:00 बजे खनन करते हैं और अच्छा खासा मुनाफा भी कमाते ऐसा नहीं कि किसी को मालूम नहीं है दत्तवास थाना पुलिस 24 घंटे निगरानी करती है।लेकिन उनकी मिलीभगत या अनदेखी की वजह से यह सब खेल खेला जाता है । पुलिस के साथ ही बजरी माफियाओं ने खनन विभाग के अधिकारियों से साठ-गांठ बना रखे है । जब निवाई ग्रामीण के संवाददाता विनोद सांखला ने जान जोखिम में डालते हुए कुछ बजरी से भरे ट्रैक्टरों को रोककर परिवहन के बारे में बात की तो उन्होंने नाम नही बताने और फोटो नहीं खींचने के शर्त पर कहा कि हम दत्तवास पुलिस वालों को पर ट्रैक्टर अच्छा कमीशन देते हैं तभी हमें निकलने दिया जाता है । ओर नयागांव उर्फ श्रीरामपूरा के आगे रास्ते मे हमे सिविल ड्रेस में दो पुलिस वाले मोटरसाइकिल पर मिलते है वो हमें थाना दत्तवास सिमा पार करवाते है । अगर जिस दिन नही मिलते तो हमारा फोन से सम्पर्क हो जाता है बजरी जयपुर मंडी में बेचने के बाद वापस आते वक्त हम उन्हें पैसे एंट्री दे देते है । हम 20-20 टैक्टर-ट्रॉली एक साथ ग्रुप में चलते है ।जिन बजरी माफियाओं से पुलिस की सेटिंग नही बैठती वे पुलिस की चुगल में फस जाते है ।

खनन माफिया की प्लानिंग के आगे खनन व पुलिस विभाग फेल साबित हो रहा है।
खनन विभाग व पुलिस की महेरबानी से बजरी माफिया जमकर चांदी कूट रहे है। बजरी माफिया अपने लग्जरी वाहनों के साथ बाइक से अपने वाहन को एस्कोर्ट करते है। करीब छह किलोमीटर की दूरी में आगे व पीछे वाहन को त्रिस्तरीय एस्कोर्ट उपलब्य करवाया जाता है। इस गोरखधंधे में पुलिस भी बहती गंगा में हाथ धोने लग रही है ।दत्तवास पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से काली कमाई करने में लगे हुए है ।

शर्मसार करता सिस्टम का रवैया
बजरी खनन पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाने में जवाबदार महकमों के अधिकारी-कर्मचारी कतई गंभीर नजर नहीं रहे हैं, उल्टा इनकी उगाही का रवैया सारे सिस्टम को शर्मसार कर रहा है। बजरी खनन पर रोक के बाद से ही जवाबदार अधिकारियों-कर्मचारियों का यह रवैया हर दिन सड़कों पर देखा जा सकता है।

बजरी माफिया व पुलिस की सेंटिंग का खेल फोन के माध्यम से चलता है ।
पिछले दिनों बनास से बजरी का अवैध खनन कर जयपुर व आसपास के इलाके में बेचने वाले माफिया गिरोह के दो लोगों व एक कांस्टेबल को तहसील निवाई के बरौनी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार कांस्टेबल संदीप यादव जयपुर कमिश्नरेट के शिवदासपुरा थाने में तैनात है। तीनों आरोपी बजरी खनन कर ले जा रहे डंपर को एस्कार्ट कर निकलवाते थे। संदीप बजरी से भरे वाहन के चालक को पुलिस ,गश्ती दल, माइनिंग विभाग के अफसरों की लोकेशन बताता था इस मामले में कांस्टेबल संदीप यादव, नोहटा टोंक निवासी नवल किशोर जाट व बिलवा का बिजेन्द्र को पकड़ा था। ताकि ट्रक व डंपर पकड़ में नहीं आ सके। पूछताछ में सामने आया कि बजरी माफिया पुलिस से फोन के माध्यम से सारी सेंटिग करता था। इसके बाद थाने के सामने व अन्य स्थानों से बजरी माफिया अपने वाहन निकाल ले जाते थे। दत्तवास थाना क्षेत्र में कुछ इसी प्रकार से बजरी के वाहनो को निकाला जाता है। पुलिस की मेहरबानी से माफिया जयपुर बजरी मंडी में बड़ी मात्रा में बजरी सप्लाई कर रहे है।

कब होगी इन पर कार्यवाही, दत्तवास पुलिस की नाक के नीचे से गुजर रहे अवैध बजरी, व पत्थरों से भरे ओवर लोड वाहन

जंहा एक तरफ़ सरकार के दिशा निर्देश पर आला अधिकारियों द्वारा कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने,सड़क हादसों को कम करने के लिए स्थानीय कस्बा,थानो को ओवर लोड वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए सख्त दिशा निर्देश दे रखे।है।पर निवाई तहसील की उपतहसील दत्तवास के दत्तवास थाना,थानागांव इलाको में स्थानीय थानों के जिम्मेदार आला अधिकारियों निर्देशो की खुले आम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे है। दत्तवास पुलिस के लिए सरकार व आला अधिकारियों नियम कानून कोई मायने नही रखता। दत्तवास थाने में तो राजनीतिक चादर ओढ़ने वालो के ही बनाये नियम कानून चलते है। दत्तवास पुलिस की नाक के नीचे से सुबह से शाम तक बजरी से भरे ओवर लोड वाहन दत्तवास थाना के सामने से फर्राटे भरते देखे जा रहे है।अगर सूत्रों की माने तो दत्तवास से ओवर लोड वाहन दत्तवास थाना क्षेत्र से होकर निकलते है।इन अवरलोड वाहनों से मोटी रकम वसूल होने के कारण कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण बजरी माफियाओं व ठेकेदारों,दलालों व वाहन मालिकों के हौसले बुलंद है।स्थानीय लोगो का दवी जुबान से कहना है।कि अगर इन ओवर लोड वाहनों की समस्याओं को जिम्मेदारो द्वारा गम्भीरता से नही लिया गया।तो ओ दिन दूर नही होंगे।जब गांव कस्बे चौराहे पर कोई बड़ी अप्रिय घटना घटेगी।

ओवरलोड वाहनो पर नहीं लग रहा अंकुश

आर.टी.ओ. व पुलिस के ढुलमुल रवैये के कारण ओवरलोड डंपरों एवं ट्रकों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यही कारण है कि जयपुर की ओर जाने वाले ओवरलोड ट्रक एवं ट्राले दिनरात निवाई की उपतहसील दतवास के बीच से गुजर रहे हैं और इनसे जान-माल का खतरा बना हुआ है। सड़क का नुकसान होना तो जैसे आम बात हो गई है।काबिले गौर है कि दतवास पुलिस थाने के सामने से होकर जयपुर की तरफ जाने वाले भारी हैवी ट्रैफिक से दतवास बाजार में लग जाता है जाम यही कारण है कि दिनरात बजरी से भरे ओवरलोड टेक्टर-ट्रॉली ही नहीं, अपितु ट्रक, डंपर भी खूब दौड़ते हैं। इनमें ओवरलोड डंपरों का तो बुरा हाल है।डंपर खतरनाक तरीके से ओवरलोड भरे होते हैं। इनके चालकों द्वारा डंपरों को तेज एवं गफलत में चलाना तो जैसे आम बात है। यही गति एवं गफलत अनेक बार हादसों का कारण बन चुकी है, लेकिन अब तक इन पर सही ढंग से अंकुश नहीं लग पाया है।

 

शाम सात बजे के बाद सड़क पर बजरी माफियों का साम्राज्य ,नहीं देते साइड

दिनभर पुलिस के भय से नियंत्रण में चलने वाले अवैध बजरी से भरे ओवरलोड वाहन शाम ढलते ही सड़कों पर बड़ी तेज गति से दौड़ते हैं। पूरी सड़क पर इनका ही साम्राज्य रहता है। इनका आतंक इस कद्र होता है कि अक्सर छोटे वाहन चालक इनके भय से दुर्घटना से बचते रहते हैं।

बजरी माफियों के ओवरलोड वाहनो के खिलाफ नहीं होती कार्रवाई

तहसील निवाई में जिस प्रकार पहाड़ों में अनेक अवैध बजरी खनन, अवैध क्रशर चल रहे हैं, वहीं इनका माल सप्लाई करने के लिए अत्यधिक डंपर, ट्रक, टेक्टर-ट्रॉलीया भी चलति हैं। ये ट्रक,डंपर अक्सर प्रभावशाली लोगों के होते हैं। राजनीतिक पहुंच के साथ-साथ पूंजीपति लोग अधिकारियों से सांठगांठ रखते हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए जो अधिकारी अधिकृत हैं, वे इन पर लगाम डालने की बजाए महज कार्रवाई करने का अभिनय करते नजर आते हैं।

 

पिछले चार माह में सत्तर से अधिक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई
पिछले चार माह की बात की जाएं तो खनन विभाग और दत्तवास पुलिस ने मिलकर सत्तर से अधिक बजरी से भरे वाहन जब्त कर उनके चालकों व एस्कॉर्ट करने वालो को अरेस्ट किया था। प्रदेश में लगातार हो रही बजरी के अवैध खनन के बीच पुलिस व खनन विभाग की यह कार्रवाई ऊंट के मुहं में जीरे के समान है। टोंक जिले से जयपुर शहर में रोजाना औसतन 200 से अधिक वाहन बजरी लेकर पहुंच रहे है। सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की पालना करवाने में सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है।

जिलाकलेक्टर के निर्देश से हमने खनन विभाग, पुलिस, आर.टी. ओ को कार्यवाही करने के निर्देश दे रखे है । अगर फीर भी कार्यवाही नही कर रहे तो हम पूरी टीम के साथ दत्तवास क्षेत्र में आकर अवैध बजरी से भरे वाहनों पर कार्यवाही करेगे ।सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करेगे।

 

उपखण्ड अधिकारी निवाई हरिताफ़ आदित्य

दत्तवास थाना क्षेत्र में बजरी से भरे अवरलोड वाहन निकल रहे है तो 207 एम.वी.एक्ट के तहत कार्यवाही करने के निर्देश देगे।

निवाई व्रताधिकारी सुनील कुमार

टीम व पुलिस जाप्ता के साथ दत्तवास क्षेत्र में अवैध बजरी खनन व परिवहन करने वालो पर कार्यवाही करेगे । ज़िले के प्रत्येक थाना में पुलिस अधीक्षक टोंक द्वारा पुलिस आई. पी. सी की धारा 379 में कार्यवाही के निर्देश दे रखे है । थाना पुलिस भी कार्यवाही करें ।

माइनिंग इंजीनियर टोंक अमीचंद दुहारिया

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