टोंक जिला प्रशासन पर बजरी ठेकेदार की मनमर्जी, खनिज विभाग की बडी मिलीभगत,

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पीपलू (ओपी शर्मा) । टोंक में बजरी लीज होल्र्डर्स एवं रॉयल्टी ठेकेदार अपनी मनमर्जी से खनिज विभाग की मिलीभगत से ट्रक मालिको से रॉयल्टी एवं खर्च राशि से अधिक राशि लिए जाने से बजरी के दाम आसमान छू रहे है। इतना ही नही बजरी लीज होल्डर्स नियमो के खिलाफ प्रतिबंधित इलाको से बजरी का उठाव किए जाने से बनास नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा होने लगा है।

बनास नदी में पूर्व में बजरी लीज होल्डर्स से लीज छीन ली गई थी उसके बावजूद बनास नदी से अवैध रूप से बजरी खनन किया जा रहा था।इस बजरी को नम्बर एक की वैध करने के लिए बरौनी रॉयल्टी नाका से रॉयल्टी पीपलू तहसील के माशी बांध का रवन्ना काटा जा रहा था।

लेकिन हाल ही में खनिज विभाग ने बनास नदी में भी लीज तो दी है लेकिन दरें तय नही करके बजरी लीज होल्डर्स को फ्री हैंड करने से लीज धारक प्रति ट्रक में 700 रुपए टन के हिसाब से ट्रक मालिको से बजरी की दर वसूल करने से राज्य के बड़े शहरों में महंगी बजरी मिल रही है।

टोंक जिला खनिज विभाग, व बजरी लीजधारक की बडी सांठगांठ,सवाईमाधोपुर जिले से बनास नदी से बजरी का रवन्ना टोंक जिले की पीपलू तहसील की मांसी का बरौनी रॉयल्टी नाका का दिया जा रहा

बजरी व्यवसाय से जुड़े लोगो का कहना है कि जब कि वास्तविक रूप से 50टन बजरी का ट्रक ख़र्चा लीज धारक के 3500रुपए आता है।उनका कहना है कि यदि बनास नदी से बजरी का उठाव किया जाए तो ट्रक में बजरी भराव का खर्चा मशीन का 600 रूपए,नगर परिषद टोंक का टेक्स 300 रुपए प्रति ट्रक की दर निर्धारित है वही 50रुपए प्रति टन के हिसाब से 50टन बजरी की रॉयल्टी 2500 रुपए बनती है

इसके अलावा 100 रुपए अतिरिक्त खर्च भी मान लिया जाए तो 50टन बजरी का खर्चा 3500 रुपए होता है लेकिन बजरी लीज धारक प्रति टन 700 रुपए वसूल रहा है ।वही खनिज विभाग के अभियन्ता संजय शर्मा का कहना है कि बनास बजरी की रॉयल्टी 50रुपए प्रति टन निर्धारित की गई है।

बजरी लीज होल्डर्स द्धारा 700 रुपए प्रति टन के हिसाब से बजरी दिए जाने से 50टन बजरी की गाड़ी ट्रक ऑपरेटर्स को 35हजार रुपए की पड़ती है।ट्रक ऑपरेटर्स अपने वाहन की किश्ते,ड्राईवर, खलासी की तनख्वाह,इंश्योरेंस सहित अन्य खर्च निकालने के हिसाब से जयपुर में 1250 रुपए प्रति टन की दर से बजरी बेच रहा है।

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक जिले में बनास नदी में न सिर्फ अवैध खनन हो रहा है बल्कि ओवरलोड वाहनों से बनास नदी की बजरी टोंक एवं सवाई माधोपुर जिले से नेशनल हाइवे से जयपुर जा रही है।

इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि राज्य सरकार बजरी रॉयल्टी सहित बजरी लीज होल्डर्स का होने वाला खर्च जोड़ करके बजरी की दरें पूर्व की तरह निर्धारित की जाए तो लोगो को सस्ती दर से बजरी मिल सकती है।

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