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जिला शिक्षा विभाग मेहरबान तो स्कूल संचालक पहलवान - Dainik Reporters

जिला शिक्षा विभाग मेहरबान तो स्कूल संचालक पहलवान

Sameer Ur Rehman
4 Min Read
मनमानी फीस वसूल रहे है, जिले के निजी स्कूल
आरटीई का खुलेआम उल्लघंन
गली मौहल्लों में बिना नियम कायदों के चलाए जा रहे है, स्कूल निजी स्कूलों पर सरकार का रवैया सख्त
टोंक, (फिरोज़ उस्मानी)। बरसों से जिला शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर मेंहरबान है, इसका जीता जागता नमूना जिलें में गली मोहल्लों में कुकुरमुत्तों की तरह बिना माप-दण्डों के चल रहे निजी स्कूल है। आरटीई की खुलेआम धज्जियां उड़ाते ये निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने के स्थान पर जिला शिक्षा विभाग की ही शह पर सुचारू रूप से चल रहे है। अगर सच्चाई से इन स्कूलों की जांच की जाए तो जिले के अधिकतर स्कूलों की मान्यताएं रद्द हो सकती है।
      कुकुरमुत्तों की तरह फैला है, जाल
जिले के अधिकतर प्राईवेट स्कूल आरटीई मानकों पर खरे नही उतर रहे है, नियम कायदों को ताक में रखकर कुकरमुत्तों की तरह गली मौहल्लों में चलाए जा रहे है। अभि-भावकों से मनमानी फीस वसूली जा रही है। फीस के मुकाबले बच्चों को पूर्ण शिक्षा का फायदा नही पहुंच पा रहा है। बच्चों के लिए वातानूकुलित वातावरण ,कक्षा-कक्षों, वाहनों व सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था नही है। बावजूद इसके जिला शिक्षा विभाग अपनी आंखें मूदें बैठा है। प्रदेश में सत्र 2011-12 में आरटीई लागू होने के बाद सरकार ने निजी स्कूलों पर सख्ती कर दी। व्यवस्थाएं पूर्ण करने के लिए सरकार ने निजी स्कूलों तीन वर्ष की समय सीमा तय की थी। इसके बावजूद भी निजी स्कूलों में आरटीई के मानक पूर्ण नही हो पाए है। बावजूद इसके बच्चों के शैक्षिक स्तर में कोई सुधार नही हो पाया है।
 आरटीई मानकों पर खरे नही उतर रहे निजी स्कूल
जिलेभर में करीब आठ सौ से अधिक निजी स्कूल संचालित है, अधिकतर स्कूलों में आरटीई के तहत मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। इन स्कूलों में फीस निर्धारित नही है, बच्चों से मूंह मांगी फीस वसूली जा रही है। बच्चों के स्कूली कोर्स से लेकर यूनिफार्म तक में मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। बावजूद अप्रशिक्षित शिक्षक शिक्षा दे रहे है। आरटीई के मानकों में खरे नही उतर रहे है। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की कोई गांरटी नही है। कई स्कूल तो जर्जर भवनों में चलाए जा रहे है। स्कूलों में ना खेल के मेदान है ना ही बच्चों के लिए वातानाकुलित वातावरण है। अधिकतर निजी स्कूलों के वाहन सुरक्षा की दुष्ठि से बैकार है। वाहनों में बच्चों के लिए कोई सुविधा नही है। एक ही भवन में कई स्कूल और कॉलेज चलाए जा  रहे है।
       निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार का रूख सख्त
लेकिन अब सरकार निजी स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर काफी गंभीर है। गत दिनों शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूल संचालकों को स्कूलों की स्थाई मान्यता दुबारा लेने के आदेश जारी किए। इसकी पालना में आरटीई प्रभारी शिवराज बैरवा ने जल्द ही निजी संस्था प्रधानों को आरटीई के तहत स्थाई मान्यता लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज डीईओ कार्यालय में जमा कराने के निर्देश जारी किए हैं। निजी स्कूलों को स्थाई मान्यता जारी करने के लिए पहले उनका इंटर ब्लॉक भौतिक सत्यापन होगा। निरीक्षण दल का गठन ऑफ लाइन होगा। इन भौतिक सत्यापन दल की रिपोर्ट के आधार पर ही निजी स्कूलों की मान्यता जारी होगी। इन सब व्यवस्थाओं को अब जल्द ही पूरा नहीं किया तो भौतिक सत्यापन करने वाली टीम की रिपोर्ट पर उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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