जयपुर
टोंक जिले के नगरफोर्ट में ट्रैक्टर चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे कांग्रेस के विधायक एवं पूर्व डीजीपी हरीश मीणा और जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने शनिवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

मीणा नगरफोर्ट पीएचसी के बाहर समर्थकों के साथ अनशन पर बैठे हैं। इस दौरान उनका साथ देने के लिए शनिवार को सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, राज्यसभा सांसद किरोडीलाल मीणा तथा पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और अजीत सिंह मेहता भी वहां पहुंचे।
भाजपा ने बनाई कमेटी
इधर, भाजपा ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है। इसमें टोंक सांसद सुखवीर सिंह जौनापुरिया, टोंक जिलाध्यक्ष गणेश माहुर और मालपुरा विधायक कन्हैयालाल चौधरी को शामिल किया गया हैं। यह कमेटी पूरे मामले की जांच कर तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। सैनी ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरे मामले को दबाने में लगी हुई है और दिखावे के चलते कांग्रेस के पदाधिकारी धरने पर बैठे हैं ताकि मामले को तुरंत रफा दफा कर सकें।
नहीं सुन रही सरकार: हरीश मीणा
आमरण अनशन की शुरूआत करते हुए विधायक हरीश मीणा ने कहा कि तीन दिन से उनकी कोई सुनवाई नहीं की है, उन्होंने थक हारकर आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय किया है। वहीं धरनास्थल पर पहुंचे राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने ऐलान किया है कि यदि तीन दिन में मांगें नहीं मानी गई तो 5 जून को उनियारा में बड़ा आंदोलन होगा।
यह है मामला

टोंक के उनियारा उपखंड के बोसरिया गांव के पास 29 मई कोट्रैक्टर चालक भजनलाल मीणा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। आरोप है कि उनियारा थाने के पुलिसकर्मियों ने भजनलाल के साथ मारपीट की जिसके कारण उसकी मौत हुई है। उसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर देवली-उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश मीणा के नेतृत्व में सैंकड़ों लोगों ने नगरफोर्ट पीएचसी के बाहर शव के साथ धरना शुरू कर रखा है।
