टोंक (फ़िरोज़ उस्मानी)देश मे बालश्रम एक गंभीर समस्या है, इसके लिए कानून भी बना हुआ है, बावजूद इसके बालश्रम करवाया जाता है। ऐसा ही

नज़ारा टोंक में भी देखने को मिल रहा है। शहर में आरयूआईडीपी के तहत लगभग 380 करोड़ रुपये के सीवरेज व पेयजल का कार्य चल रहा है, इस कार्य में खुलेआम बाल श्रमिकों से मजदूरी कराई जा रही है।

जिन हाथो में कॉपी क़िताब होनी चाहिए उन हाथों में गेती फावड़ा लिए मासूम गड्ढे खोदते दिखाई दे रहे है। कम पैसों में ठेकेदार मासूमों की जान से खेल रहे है।
कई बार ज़िला प्रशासन भी निरीक्षण कर चुका है, बावजूद इसके ठेकेदार अपनी मनमानी कर मासूमों से बालश्रम करवाने से बाज़ नही आ रहे है। ये मासूम 7 से 8 घंटे लगातार मजदूरी कर रहे है। कई फिट गहरे गद्दों को खोदकर उसमें से मिट्टी निकाल रहे है। ऐसे में कोई हादसा हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा। वहीं संबंधित अधिकारी जान बूझकर अपनी आंखें मूंदे हुए है।