Tonk: पत्थर की खदान में दबे 2 मज़दूरों की मौत के बाद बनी सहमति, 15-15 लाख के मुआवजा के बाद उठाए शव

Sameer Ur Rehman
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टोंक। ज़िलें में अवैध खनन की कई मौत की खदानें खुलेआम चालू है,जहां सभी नियमों को ताक में रख कर खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसी ही अनदेखी और लापरवाही ने आज पत्थर की खदान में कार्य कर रहे दो मज़दूरों की जान ले ली, पत्थर की खदान ढह जाने से दो मजदूर की मलबे में दबकर मौत हो गई।

मृतक के परिवारो को 15-15 लाख रू. मुआवजा देेने के बाद ही शव उठाये गये।पूरा मामला टोंक के मेहन्दवास थाना क्षैत्र के ग्राम काबरा के पास स्थिति पत्थर की खदान का है।जानकारी के अनुसार जिले के काबरा गांव से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित क्वाट्र्ज फैल्सीपार की खदान पर मजदूर काम कर रहे थे।

सवेरे अचानक खदान के उपर से बडी चटटान आ गिरी, जिसके मलबे में दबने से ढह जाने से देवालाल पुत्र प्रभु गुर्जर (30) निवासी दलपुरा थाना शकरगढ़ जिला भीलवाड़ा एवं शेरू खान पुत्र वली मोहम्मद (28) निवासी लवादर की दर्दनाक मौत हो गई।

खदान कर्मियों द्वारा दोनों श्रमिकों को बडी मेहनत के बाद बाहर निकालकर पहले नीजि हॉस्पिटल एंव बाद में सआदत अस्पताल टोंक लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।

घटना की इतला मिलते ही मेहंदवास पुलिस थानाधिकारी उदयवीर सिंह एवं वृत्ताधिकारी टोंक सलेह मोहम्मद पुलिस जाप्ते सहित सआदत अस्पताल पहुंचे,परिजनों एंव अरनिया केदार के सरपंच हंसराज फागणा सहित कांग्रेसी कार्यकर्ता खदान प्रबन्ध पर नियम विरुद्ध खनन एवं लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मृतकों के आश्रितों को उचित मुआवजा की मांग पर अड़ गये। पुलिस ने

अक्रोशित परिजनो से समझाईश कर खदान मेनेजर राधेकृष्ण श्रीवास्तव से वार्ता करवाई। जिसके बाद खदान रायल्टी होल्डर एसके माइंस द्वारा दोनो मजदूरो के परिवार के लिए 15-15 लाख रू. आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा पर सहमति बनने के बाद पुलिस ने पंचनामा की कार्यवाही कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किए गये।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/