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To avoid stress, the only remedy for science and psychology is heartfulness- Chaudhary - तनाव से बचने के लिए विज्ञान और मनोविज्ञान सम्मत एक मात्र उपाय हार्टफुलनेस है- चौधरी - Dainik Reporters Ultimate News Hub for National, Rajasthan, Politics, and Bollywood Updates. Stay Informed with Real-Time Reporting and Unbiased Analysis.

तनाव से बचने के लिए विज्ञान और मनोविज्ञान सम्मत एक मात्र उपाय हार्टफुलनेस है- चौधरी

liyaquat Ali
6 Min Read
Bhilwada News / Dainik reporter : भीलवाड़ा जिले के फुलियाकलां (Phuliyakalan) कस्बे में श्री आसन जी के स्थान परिसर में हार्टफुलनेस संस्थान (Heartfulness Institute) व श्रीरामचंद्र मिशन (Shri Ramchandra Mission) के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय आयुर्वेद, अध्यात्म, योग एवं विज्ञान संबंधी कार्यशाला का आज समारोह पूर्वक शुभारंभ किया।
पहले दिन ही कार्यशाला में आशा से अधिक संभागियों की उपस्थिति रही। कार्यशाला में स्वस्थ मन और शरीर के लिए के लिए हार्टफुलनेस द्वारा तनाव मुक्ति व सहज मार्ग ध्यान के सिद्वांत को लेकर विस्तार से बताया गया।
इस दौरान कार्यशाला के मुख्य अतिथि हंसराज चोधरी ने कहा कि फुलियाकलां क्षेत्र में विभिन्न रोगियों की संख्या को देखते हुए नवग्रह आश्रम की ओर से शीघ्र ही स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करने का अभियान चलाया जायेगा जिसमें बच्चों हेल्दी हेल्थ टिप्स दिये जायेगें ताकि वो स्वयं और अपने परिवार को स्वस्थ्य रखने का प्रयास कर सके। कार्यशाला के बाद हंसराज चोधरी ने वहां कई रोगियों का परीक्षण कर उनको आयुर्वेद का उपचार भी बताया।
कार्यशाला का शुभारंभ करने के बाद मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए हार्टफुलनेस अभ्यासी एवं मोतीबोर का खेड़ा स्थित श्री नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष हंसराज चोधरी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियां स्वाभाविक रूप से हमारे मन को तनावग्रस्त कर देती हैं, इस तनाव से बचने के लिए स्वस्थ मस्तिष्क की आवश्यकता होती है।
हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहें इसके लिए विज्ञान और मनोविज्ञान सम्मत एक मात्र हार्टफुलनेस का ध्यान है। ध्यान का संबंध किसी धर्म, मजहब अथवा संप्रदाय से नहीं है। बल्कि इसका सीधा संबंध मानसिक स्वास्थ्य और मनोनियंत्रण से है, जो आदमी के शरीर शास्त्र एवं मनोविज्ञान पर आधारित है।
उन्होंने बताया हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट ने मानसिक स्वास्थ्य के विकास की तकनीक विकसित की है, जो पूरे विश्व में अपनाई जा रही है। भारत में भी निजी एवं व्यवसायिक क्षेत्रों, राजकीय विभागों समेत पुलिस, सेना, रेलवे, पैरामिलेट्री फोर्स के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह प्रोग्राम 110 से ज्यादा देशों में शुरू किया जा चुका है। कार्यक्रम का मकसद बिजी शेड्यूल के चलते बढ़ते स्ट्रेस और निगेटिव थॉट्स को दूर कर पॉजिटिविटी सिखाना है।
उन्होंने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि वह स्वस्थ मन और शरीर के लिए इस प्रोग्राम से जरूर जुड़ें। विश्व का चिकित्सा शास्त्र भी स्वीकार कर चुका है कि स्वस्थ मन से ही शरीर भी स्वस्थ रहता है, इसलिए तनावमुक्त जीवन के लिए हार्टफुलनेस प्रोग्राम से जुड़ना सभी के लिए लाभकारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह आपको भीतर से आपके जीवन के हर पहलू को ज्यादा बेहतर बनाने में मदद करती है। हार्टफुलनेस में रहते हुए, मैंने कभी किसी चीज के लिए खुद को बाउंड नहीं किया, लेकिन यहां होने वाला मेडिटेशन कुछ ऐसा नेचुरल पाथ है, जिस पर चलते हुए आप खुद ही बुरी चीजों से दूर होते जाते हैं। मैंने अपने व्यक्तित्व में भी हार्टफुलनेस के कारण खासे बदलाव किए हैं, इससे आप ईगोटिज्म, इमोशनल रिऐक्टिव नेचर और माइंडनेस व आईनेस के बीच अंतर में बदलाव होता है।
उन्होंने कहा कि हर किसी की अपनी कोई पसंदीदा चीज होती है जो आपको खुश करती है। मेरे लिए वो मेडिटेशन है। मेडिटेशन मेरे लिए सांस लेने जैसा है। ध्यान ने मेरे जीवन पर जो प्रभाव डाला है उसका असर मेरी फैमिली पर भी हुआ है। ये आपको बेहतर इंसान बनाता है। आप जरा-जरा सी बातों पर रिएक्ट नहीं करते। जब ऐसा होता है तो इसका असर आपके परिवार और बच्चों पर भी पड़ता है। एम्बिशन, एस्पिरेशन में बदल जाता है। एम्बिशन में कुछ पाने की, कहीं पहुंचने की लालसा है, जैसे सफल होना किसी का एम्बिशन हो सकता है लेकिन एस्पिरेशन अलग है।
एस्पिरेशन महत्वाकांक्षा नहीं बल्कि ललक है बढ़ते जाने की। यह आपको निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। आप बेहतर से और बेहतर होना चाहते हैं। एस्पिरेशन कभी खत्म ना होने वाली एक यात्रा है।
कार्यशाला के दौरान दौरान ध्यान और साधना के जरिए बीपी, स्ट्रेस, डायबिटीज जैसी कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने के अलावा शिविर में शामिल लोगों को रिश्तों में प्रेम, बच्चों के साथ बेहतर रिलेशनशिप, स्ट्रेस फ्री कैसे रहें, पॉजिटिविटी बढ़ाने के बारे में भी बताया गया।
हार्टफुलनेस संस्थान की प्रवक्ता सीता श्रीमाली ने बताया कि तीन दिवसीय यह कार्यशाला निःशुल्क है तथा इसमें हर वर्ग पुरूष महिला भाग ले सकते है। यह कार्यशाला फुलियाकलां में जैन छात्रावास के पास श्रीनाथ जी का आसन परिसर में प्रतिदिन अपरान्ह में 2.30 बजे से 5.30 बजे तक होगी।
हार्टफुलनेस संस्था की भीलवाड़ा इकाई के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम से आज करीब 200 लोग लाभान्वित हुए। उन्होंनेे बताया कि हार्टफुलनेस के इस कार्यशाला के माध्यम से लोगों को स्वस्थ्य रहने के टिप्स दिये गये।
सीता श्रीमाली ने बताया कि आज के भौतिकवादी युग में सब कुछ सुविधाओं के बाद भी हर कोई तनाव में जीवन यापन कर रहा है, ऐसे में हार्टफुलनेस सर्वोत्तम उपाय है। तनाव से दूर रहने के लिए एक प्राणाहुति प्राणस्य प्राण द्वारा योग की विधी व रिलेक्शन, ध्यान व प्रार्थना इन सब विधियों का कार्यशाला में प्रशिक्षण देने के साथ इसको कराया जा रहा है।
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