जयपुर/ राजस्थान हाई कोर्ट ने संजीवनी सोसायटी मामले में राजस्थान सरकार को फटकार लगाते हुए सरकार के प्रार्थना पत्र को तत्काल सुनने से इनकार कर दिया है और नाराज होते हुए न्यायधीश कुलदीप माथुर ने यहां तक कह दिया कि आपने क्या कोर्ट को मजाक बना रखा है।
कभी कुछ आकर बोलते हैं कभी कुछ आकर बोलते हैं और फिर यह प्रार्थना पत्र आगे बढ़ाते हैं आज नहीं कल लगा दो कल नहीं तो परसों लगा दो यह कोई तरीका नहीं है कोर्ट अपने हिसाब से चलता है ।
विदित है की 13 अप्रैल को राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए संजीवनी सोसायटी केस में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।
उस दिन हाईकोर्ट में राजस्थान सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि वर्तमान में याचिकाकर्ता एसओजी की ओर से दर्ज किसी भी मामले में आरोपी नहीं है। जब उनके खिलाफ मामला ही नहीं है तो गिरफ्तारी का अंदेशा गलत है।
इसके अगले दिन 14 अप्रैल को राजस्थान सरकार ने एक प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में लगाया कि हमने जो वक्तव्य दिया था, वह हमसे गलत चला गया है, क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे, जबकि आईओ कोर्ट में थे। इसलिए हम वरिष्ठ अधिवक्ता को बता नहीं पाए कि गजेंद्र सिंह शेखावत आरोपी हैं।
राजस्थान सरकार के प्रार्थना पत्र पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अधिवक्ता आदित्य विक्रम सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है कि राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता हाईकोर्ट में सही से बात बता नहीं पाए हों, क्योंकि उस दिन हाईकोर्ट में आईओ भी थे, एएजी भी थे और उनके बाकी अधिवक्ता भी थे। किसी ने भी उस वक्तव्य को सुधारा नहीं।
शेखावत के अधिवक्ता सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार के एएजी अनिल जोशी ने इस विषय का सोमवार को हाईकोर्ट में न्यायाधीश कुलदीप माथुर के समक्ष उल्लेख किया। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंधवी ने न्यायाधीश माथुर से कहा कि मुझसे गलत वक्तव्य चला गया, क्योंकि मैं दिल्ली में बैठा था।
इस पर न्यायाधीश माथुर ने कहा कि जो प्रार्थना पत्र आपने फाइल किया है, वह सामान्य प्रक्रिया में कोर्ट के समक्ष आ जाएगा। हम किसी प्रार्थना पत्र को रोकते नहीं हैं। आप अपने प्रार्थना पत्र को आने दीजिए। हम उसको देख लेंगे। इसको सामान्य प्रक्रिया के तहत ही कोर्ट में लगने दीजिए।
अधिवक्ता सिंह ने बताया कि इस पर हाईकोर्ट में मौजूद एएजी अनिल जोशी ने कहा कि यह गलत वक्तव्य चला गया, मेरा आपसे निवेदन है, हम यह नहीं चाह रहे कि गजेंद्र सिंह शेखावत को जो प्रोटेक्शन दी गई है, उसमें बदलाव किया जाए। हम यह चाह रहे हैं कि हमारा सही वक्तव्य आ जाए।
इस पर न्यायाधीश माथुर ने एएजी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने क्या कोर्ट का मजाक बना रखा है, कभी कुछ आकर बोलते हैं, कभी कुछ आकर बोलते हैं, फिर यह प्रार्थना पत्र आगे बढ़ाते हैं।
आज नहीं कल लगा दो, कल नहीं तो परसों लगा दो, यह कोई तरीका नहीं है। कोर्ट अपने हिसाब से चलता है। आपने प्रार्थना पत्र लगाया है तो समयबद्ध प्रक्रिया में अपने आप लग जाएगा।
अधिवक्ता सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार के प्रार्थना पत्र को तत्काल सुनने से मना कर दिया। न्यायाधीश माथुर ने कहा कि जिस दिन सामान्य प्रक्रिया में प्रार्थना पत्र कोर्ट के समक्ष आएगा।
उस दिन उस पर सुनवाई कर लेंगे। राजस्थान सरकार को इस मामले में किसी तरह की कोई भी राहत नहीं मिली, उल्टा उसे कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ी।