Jaipur News । मौलाना अबुल कलाम आजाद फाउण्डेशन के चेयरमैन हबीब गारनेट ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह कोविड-19 से देश व प्रदेश भर में लॉक डाउन के बाद बने हालात, किसान, मजदूर, सामान्य वर्ग व आमजन की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए हर श्रेणी के बिजली व पानी के उपभोक्ताओं के मार्च, अप्रैल व मई माह के बिल माफ किए जाएं।
इस संदर्भ में गारनेट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने राज्य सरकार के साथ ही जन प्रतिनिधियों व सरकारी कारिंदों पर आरोप लगाया है कि वे दोहरी नीति अपनाते हुए आमजन को गुमराह कर रहे हैं। एक तरफ प्रतिनिधि जनता के समक्ष बार-बार घोषणाएं कर रहे हैं कि सरकार की तरफ से दो माह का बिजली व पानी का बिल माफ कर दिया गया है, वहीं बिजली विभाग घर-घर दोगुनी राशि के बिल भेज रहा है, जिन्हें 31 मई तक जमा कराना अनिवार्य है।
साथ ही यह भी कहा गया था कि निर्धारित तिथि से पहले बिल जमा कराने पर 5 फीसदी की छूट दी जाएगी, अब कहा जा रहा है कि यदि बिल की राशि जमा नहीं कराई गई दो कनेक्शन काट दिए जाएंगे।
हबीब गारनेट ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह अपने स्तर पर इस मामले को देखें तथा फिजूल के निर्देशों अथवा अफवाहों पर विराम लगाएं। यह तभी होगा जब राज्य सरकार जनता की परेशानियों को देखते हुए तीन माह के बिल माफ करने का ऐलान करेंगी। गरीब व आमजन वैसे ही लगभग तीन माह से बेरोजगार है।
सरकार को ऐसी स्थिति में जनता की मदद करनी चाहिए। गारनेट ने कहा कि प्रदेश का किसान एक तरफ तो ओलावृष्टि व आंधी की वजह से अपनी फसल से हाथ धो बैठा है, वहीं प्रदेश में टिडिड्यों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जो किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है।
ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों व आमजन को बिजली व पानी के बिल भेजना न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। इससे तो जनता की परेशानियां कम होने की बजाए बढ़ेगी। अत: राज्य सरकार को चाहिए कि वह बिजली व पानी के तीन माह के बिल माफ कर जनता को राहत पहुंचाएं।