Bhilwara news । कोरोना वायरस(COVID-19) की कल दोपहर मे पथिक नगर के वैभव भंडारी की कोरोना सैंपल की रिपोर्ट मे चूक और ताबडतोड मे गफलत ने एक और जहां भंडारी परिवार को मानसिक आघात दिया है वही समाज मे उनकी छवि पर भी असर डाला तो उनके रिश्तेदारों , परिचितो तक को परेशानी मे डाला ही साथ ही एक गर्भवती महिला जो कभी भी बच्चे को जन्म दे सकती है एसी हालात मे उसे तथा डेढ साल की बच्ची और तोते का क्या कसूर था की ऊन्हे भी नहो बख्शा गया और क्वारंटाइन कर दिया ।
शहर की जनता ने इस रिपोर्ट को लेकर चिकित्सा विभाग और प्रशासन को सवालो के घेरे मे खडा कर दिया है हालाकी प्रशासन और चिकित्सा विभाग इसे जयपुर की चूक मान रहा है और सरकार ने भी इसे चूक माना है लेकिन क्या यह चूक भंडारी परिवार की धूमिल छवि, हुई मानसिक परेशानी लौटा सकती है ?
शहर की जनता के चिकित्सा विभाग और प्रशासन से सवाल
1– वैभव भंडारी के नाम से अगर रिपोर्ट आई तो भीलवाड़ा व भरतपुर मे एक ही नाम व पिता का नाम तथा पता एक जैसा कैसे हो सकता है
2– क्या भीलवाड़ा चिकित्सा विभाग ने रिपोर्ट मे नाम पता अच्छी तरह चैक नही किया
3– वैभव मे जब कोरोना के जैसे लक्षण नही थे तो एक बार पुन रिपोर्ट क्रो नही देखी
4– वैभव जोधपुर से स्थानीय प्रशासन से स्वीकृति प्त्र लेकर आया था
वैभव के परिवार से किस-किस को किया क्वारंटाइन
ओम भंडार- मंजू भंडारी(माता पिता), अंशुल भंडारी (भाई), ममता ( अंशुल की पत्नी 9 माह की गर्भवती ), सनाया डेढ साल( वैभव की भांजी), वैभव के सास कौशल्या- ससुर राजकुमार राठी और साला व ससुराल मे किरायेदार तथा एक पालतू तोता,मुकेश झंवर फूफा-सुनीता भूआ जी तथा मुकेश की माता जी,
जोधपुर मे स्वंय कौन-कौन हुए क्वारंटाइन
बनारसी लाल भंडारी ( पूर्व सेवा निवृत्त कार्मिक कलेक्ट्रेट भीलवाड़ा) वैभव के दादा जी शांता देवी दादी जी बनारसी जी की पुत्री ललिता और ऊसके ससुराल का पूरा परिवार
वैभव की ट्रैवल हिस्ट्री
वैभव जोधपुर मे हार्डवेयर और हेण्डी क्राफ्ट का कारोबार है । वैभव के बडे भाई अंशौल का 5 साल का बेटा एकांश लाॅकडाउन से पहले वैभव के साथ जोधपुर चला गया था उसके साथ वैभव के दाअःआजी बनारसी लाल जी भी गए । लाॅकडाउन लगने के कारण लंबे समय होने से बच्चा एकांश परेशान होकर भीलवाड़ा जाने को जिद करने लगा तो वैभव ने प्रशासनिक व्यवस्था के तहत स्वीकृति लेकर 14 अप्रैल को पत्नी और अपने पुत्र व एकांश सहित भीलवाड़ा आया था ।
यह क्या कहते है
जयपुर स्तर पर गलती हुई है इसे सरकार ने भी मान लिया है । वैभव भंडारी के परिवारजनो को जिनको क्वारंटाइन किया है उनके सैंपल तो ले लिए है और उनमे से जो गर्भवती महिला व डेढ साल की बच्ची को क्वारंटाइन से मुक्त कर दिया जाएगा ।
डाॅ राजन नंदा प्राचार्य मेडिकल कालेज भीलवाड़ा