- मरीजों को इपिलेप्सी की सही दवा देकर ईलाज में आ रहे गैप को कम करें चिकित्सक
Bhilwara News ( मूलचन्द पेसवानी ) – राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत आईएमए हाॅल में मंगलवार को आयोजित इपिलेप्सी (मिर्गी रोग) प्रशिक्षण कार्यशाला में चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए प्रोफेसर न्यूरोलाॅजी एआईआईएमएस, नई दिल्ली डाॅ. ममता भूषण सिंह ने स्लाईड शो के माध्यम से बताया कि मिर्गी रोग एक सामान्य बीमारी है। सही समय पर इलाज होने से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। अंधविश्वास के कारण लोग इसे लाइलाज बीमारी मानते है, लेकिन समय पर सही दवा से मिर्गी रोग के मरीजों को ठीक किया जा सकता है साथ हीं दौरा पड़ने पर उपचार के माध्यम से दुबारा आने वाले दौरे को रोका जा सकता है इसके लिए चिकित्सक फिल्ड में मरीजों को सही दवा देकर ईलाज में आ रहे गैप को कम करने का कार्य करें।
डाॅ. भूषण ने कार्यशाला में मिर्गी रोग के लक्षण, उपचार की चर्चा कर चिकित्सकों को बताया कि भारत में अधिकतर रोगी ईलाज तो कराना चाहते है, परन्तु सही ईलाज, सही चिकित्सक व प्राईमरी केयर के अभाव में मिर्गी रोगियों की संख्या बढ रही है और दौरे आने पर मरीज मृत्यु को भी प्राप्त हो जाता है। मिर्गी रोग को लेकर अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रांतिया व अंधविश्वास हैं। इसे कम करने के लिए फिल्ड में जागरूकता के साथ हीं मरीजों को प्राईमरी केयर के लिए चिकित्साकार्मिकों को तैयार कर सही दवा शुरू करके आपसी समझाईश के माध्यम से इन भ्रांतियों को समाप्त किया जा सकता है। चिकित्सकों को चाहिए कि वे मिर्गी रोगियों को जाने, समझे और प्रत्येक मरीज की हिस्ट्री लेकर उसका सही ईलाज शुरू करें। जिससे कि उनके जीवन को सुरक्षित
बनाया जा सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मुस्ताक खान द्वारा स्वागत उद्बोधन के बाद कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस दौरान राजपरिवार शाहपुरा से शत्रुजीत सिंह, मायासिंह, ओम सेन (सचिव), डिप्टी सीएमएचओ डाॅ. घनश्याम चावला, जिला नोडल अधिकारी एनएमएचपी डाॅ. एसपी आगीवाल, समस्त बीसीएमओ, समस्त सीएचसी/पीएचसी इंचार्ज, एफसीएलसी पीयूष पुरोहित, जिला कार्यक्रम समन्वयक सुमित श्रीमाली, जिला आईईसी समन्वयक अशोक प्रजापत, आॅडियोमेट्रिक असिस्टेन्ट जितेन्द्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
कार्यशाला में डाॅ. भूषण ने मिर्गी रोग से जुडी चिकित्सकों की जिज्ञासाओं को शांत किया और बताया कि गलत जानकारी की वजह से बहुत से लोग मिर्गी का इलाज करवाने के लिए सही डाॅक्टर की बजाए झाड़-फूंक करने वालों के पास पहुंच जाते हैं, जो गलत है। चिकित्सा के क्षेत्र में दवाओं के माध्यम से इस रोग का उपचार थोड़ा लंबा है, लेकिन इस पर काबू पाया जा सकता है। लोगों को चाहिए कि मिर्गी रोग से जुड़ी गलत जानकारियों व सूचनाओं पर ध्यान न देकर विशेषज्ञ डाॅक्टरों से संपर्क कर अपना ईलाज शुरू करावे। इसी सन्दर्भ में 11 व 12 दिसम्बर को रेतियाबाग, दरबार की कोठी, शाहपुरा में निःशुल्क मिर्गी रोग जांच व परामर्श शिविर का आयोजन किया जायेगा।