Jahazpur News (आज़ाद नेब) – बीड़ी कारखाना संचालकों द्वारा किए जा रहे शोषण के खिलाफ श्रमिक लामबंद हो गए हैं। कम मजदूरी मिलने से खफा महिला श्रमिकों ने उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह राजावत को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर शोषित महिला बीड़ी श्रमिकों को राहत प्रदान कराने की गुहार की।
बीड़ी महिला श्रमिकों ने बताया कि, विगत पांच वर्षो से बीड़ी बनाने की जो दर कारखाना संचालकों द्वारा दी जा रही हैं, उसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई हैं।
जबकि इन पांच सालों में महंगाई कई गुना अधिक बढ़ गई हैं। बीड़ी श्रमिक प्रति हजार बीड़ी 150 रुपए की मांग कर रहे हैं, जबकि कारखाना संचालक अभी 100 से 120 रुपए प्रति हजार दे रहे हैं। बीड़ी श्रमिकों ने बताया कि सभी श्रमिकों से हजार बीड़ी के बजाए 1200 बीड़ी ली जा रही है।
कारखाना संचालक दाम तो कम दे ही रहे हैं, साथ ही हजार बीड़ी के बदले 1200 लेकर 200 बीड़ी अतिरिक्त लेकर दोगुना शोषण कर रहे हैं। महिला श्रमिकों ने जब इसका विरोध किया तो बीड़ी कारखाना संचालक को कारखाना बंद कर जाना पड़ा। श्रम विभाग द्वारा बीड़ी मजदूरों का पंजीयन किया जाता है। इस पंजीयन के आधार पर श्रमिकों के परिवारों को निःशुल्क इलाज, बच्चों को छात्रवृत्ति, बेटियों के विवाह के लिए अनुदान राशि, पीडीएस से एक रुपए किलो का गेहूं मिलता है। अधिकतर मजदूरों के कार्ड नहीं बने होने से श्रमिक इस लाभ से वंचित बने हुए हैं।