भीलवाड़ा/ ब्रह्मांड में नवग्रह अपने अपनी चाल के अनुसार विचरण करते हैं और इस कारण कई योग उत्पन्न होते हैं जिनका प्रभाव और दुष्प्रभाव दोनों ही ब्रह्मांड तथा आमजन पर पड़ता है।
30 साल बाद ऐसा ही एक योग षष्ठाक योग आज से शुरू हो गया है जो 2 माह तक रहेगा और इस योग के कारण कुछ राशियों के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है तो वही दूसरी ओर इस योग के कारण ब्रह्मांड में भी कुछ उथल-पुथल होगा जिसका प्रभाव देश राजनीति आमजन पर पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार षडाष्टक को बहुत ही अशुभ योग माना जाता है जब भी कुंडली में दो ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में होते हैं तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है और इस योग में ग्रहों के बीच छठे और आठवें भाव का संबंध बन जाता है इसके कारण लोगों को दुख रोग चिंता दुर्भाग्य कर्ज आदि प्रश्नों का सामना करना पड़ता है ।
और इस बार 30 साल बाद आज से 30 जून तक षडाष्टक योग बन रहा है शास्त्रों के अनुसार आज से ही सनी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होंगे और मंगल ग्रह अपनी नीच राशि करके में भ्रमण करेंगे मंगल ग्रह को क्रोध गुस्से और इंसान का कारक माना जाता है।
तथा शनि ग्रह को दुख दरिद्रता का कारक माना जाता है और शनि और मंगल की युति बनने के कारण ही षडाष्टक का निर्माण हो रहा है यह योग कुछ राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित हो सकता है।
1- कर्क राशि- षडाष्टक योग मैं इस राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है शनि और मंगल की युति इन राशि के जातकों के तीसरे भाव में होने से संपत्ति के मामलों में कुछ विवाद देखने को मिल सकते हैं ।
धन के निवेश को लेकर सावधानी बरतनी होगी निवेश का उचित फल नहीं मिलेगा कल का सामना करना पड़ सकता है स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी आवश्यक है।
2- सिंह राशि- इस राशि के जातकों का मंगल योगकारक माना जाता है शनि और मंगल की युति से इस राशि के जातकों के जीवन में परेशानियां और तनाव आ सकते हैं तथा कार्यक्षेत्र में संभल कर काम करने की जरूरत है ।
खर्चों में वृद्धि हो सकती है तथा परिवार में और छोटे भाई बहनों में झगड़ा हो सकता है इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है ।
3- कुंभ राशि- इस राशि का स्वामी शनि ग्रह महाराज को माना जाता है और मंगल गोचर पर होने तथा इस योग के कारण इस राशि के जातकों को तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इस राशि के जातक स्वभाव से और अधिक क्रमांक हो सकते हैं तथा गुस्से पर नियंत्रण नहीं रखा तो बड़ा नुकसान हो सकता है ।
दांपत्य जीवन में कुछ गलतफहमियां भी पैदा हो सकती है इसलिए सावधान रहें राशि के जातकों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की बहुत ज्यादा जरूरत है और स्वास्थ्य पर सर्तक रहें ।
4- धनु राशि- मंगल का गोचर और जातकों के अष्टम भाव में होने से तथा इस योग के कारण इस राशि के जातकों को नकारात्मक भाव का सामना करना पड़ सकता है ।
आर्थिक बोझ पढ़ने मानसिक रूप से परेशान रहने साथी के साथ मतभेद होने की संभावनाएं हैं और इस दौरान किसी भी तरह के निवेश से बचना चाहिए