महाप्रभु स्वामी रामचरण प्राकट्य महोत्सव दो से 8 फरवरी तक, शाहपुरा में होगा आयोजन
Bhilwara News ( मूलचन्द पेसवानी)-अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के जन्मदाता महाप्रभु रामचरण महाराज के अवतार दिवस के 300 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित होने वाले समारोह में धर्मसभा में राष्ट्र चिंतन भी होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और साध्वी ऋतंभरा भी आएंगी। यह जानकारी रामस्नेही संप्रदाय के रामदयाल महाराज ने आज रामद्वारा में आयोजित प्रेसवार्ता में दी। रामस्नेही संप्रदाय धाम शाहपुरा में 2 से 8 फरवरी तक विराट संत सम्मेलन व आध्यात्मिक सत्संग समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान देश के उत्थान के साथ-साथ राष्ट्रचिंतन भी होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के पीठाधीश्वर जगतगुरू रामदयाल महाराज ने कहा कि देश में सत समाज हमेशा राष्ट्र की दिशा तय करने व दशा सुधारने में आगे रहा है। रामस्नेही सम्प्रदाय का उदेश्य केवल माला फेरकर राम जपना ही नहीं है बल्कि राष्ट्र का मंगल भी करना है। रा से राष्ट्र और म से मंगल होता है।
इसी परिकल्पना के साथ 2 से 7 फरवरी तक भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में महाप्रभु स्वामी रामचरण प्राकट्य त्रिशताब्दी महोत्सव मनाया जायेगा। महाप्रभु स्वामी रामचरण प्राकट्य त्रिशताब्दी महोत्सव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय श्रीरामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा सर्व संत समाज व सर्व रामस्नही सत्संगीजन राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्र की ओर से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के तहत 2 से 8 फरवरी तक रोज सुबह 5 से 6 बजे तक रामध्वनि, सुबह 9 से दोपहर 12 बजे व दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक सत्संग व प्रवचन होंगे। सूर्यास्त के समय संध्या आरती होगी।
रात्रिकालीन कार्यक्रम के तहत दो फरवरी को रामस्नेही संतों की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। तीन को बालोतरा की प्रकाश माली एंड पार्टी की ओर से भजन संध्या, चार को रामस्नेही संप्रदाय सेमीनार (वाकपीठ), पांच को आध्यात्मिक कवि सम्मेलन और छह फरवरी को रामस्नेही स्वरूपा महिला मंडल शाहपुरा व भीलवाड़ा की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
2 फरवरी को सर्वसमाज की ओर से शाहपुरा में कलश यात्रा भी निकलेगी। जो शाहपुरा कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए रामनिवास धाम पहुंचेगी। जहां धर्मसभा होंगी।
पीठाधीश्वर रामदयाल महाराज ने बताया कि धर्मसभा में धार्मिक कार्यक्रम के साथ-साथ राष्ट्र चिंतन भी होगा जिससे देश को एक नई दिशा मिलेगी।
संत समागम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न संप्रदायों के संत शामिल होंगे जो देश हित पर चिंतन करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे मानवता का जागरण होगा। समाज को भी नई दिशा मिलेगी। साध्वी ऋतंभरा भी इस दौरान आएंगी। 8 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोडा (टोंक) में समापन समारोह के मौके पर आएंगे। त्रिशताब्दी महोत्सव में देशभर से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भक्त शामिल होंगे।