जयपुर । नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों, नगर सुधार न्यासों, विकास प्राधिकरणों एवं आवासन मण्डल को निर्देश दिये है कि उनके द्वारा प्रदेश की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, चैरिटेबल संस्थाओं एवं ट्रस्टों, विद्यालयों, अस्पतालों को रियायती दरों पर कब-कब कितनी कितनी भूमि किस प्रयोजन के लिए आवंटित की गई है कि सूची 15 दिवस के भीतर नगरीय निकास विभाग को भिजवायी जाये।
नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि नगरीय विकास विभाग यह जाॅच करेगा कि कोडियों के भाव जमीन लेने के बाद भी रसूख के कारण किन-किन सामाजिक संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं, चैरिटेबल संस्थाओं एवं ट्रस्टों, विद्यालयों, अस्पतालों द्वारा निर्धारित शर्तो का उल्लंघन किया गया है एवं उनके आवंटन में किस प्रकार की अनियमितताएॅ हुई है।
धारीवाल ने कहा कि समय समय पर नगरीय निकायों, नगर सुधार न्यासों, विकास प्राधिकरणों एवं आवासन मण्डल द्वारा विभिन्न सार्वजनिक, सामाजिक, धार्मिक, विद्यालयों, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं एवं ट्रस्टों को विभिन्न उपयोगों के लिए रियायती दरों पर भूमि का आवंटन किया जाता रहा है। यह आवंटन विभिन्न शर्तो के साथ भूमि आवंटन नीति 2015 के अन्तर्गत और इससे पूर्व की तत्समय प्रभावी भूमि आवंटन नीतियों के अन्तर्गत किया जाता रहा है।
उन्होनें कहा कि प्रायः इस संबंध में यह शिकायतें प्राप्त होती है कि रियायती दरों पर संस्थाऐं भूमि आवंटन कराने के बाद शर्तो के अनुसार अपने निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप भूमि का उपयोग नहीं करती है साथ ही निर्धारित शर्तो के अनुसार समाज के विभिन्न वर्गो को सुविधाऐं एवं रियायतें भी प्रदान नहीं करते है।
यह भी देखा गया है कि निजी अस्पताल शर्तो के अनुसार निःशुल्क इलाज के लिए तैयार नहीं होते है इसी प्रकार विभिन्न विद्यालय गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं देते है एवं आवंटित की गई भूमि का व्यावसायिक उपयोग भी कर रहे है। अतः भूमि आवंटन नीति के मापदण्डों के अनुसार ऐसे समस्त आवंटनों की जांच/सत्यापन कराना आवश्यक है।