Tonk। टोंक जिले के समस्त निजी चिकित्सालयों के संचालकों ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में आर.जी.एच.एस. तथा चिरंजीवी दोनों योजनाओं से अपने चिकित्सालय को पृथक कर लिया है।
इस आशय का नोटिस तथा सभी निजी चिकित्सालयों द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा-पत्र शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एवं जिलाधीश टोंक को सौंप दिए गए। इस अवसर पर डॉ. राजेश मालपानी, डॉ. राजीव बंसल, डॉ. गौरव व्यास, डॉ. राजेश जैन, डॉ. विमल जैन, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. राकेश जैन, डॉ. हरिशंकर पारीक, डॉ. राजेन्द्र मीणा, डॉ. के के सिंघल, डॉ. हरेंद्र व डॉ. पारस उपस्थित रहे।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पारित इस बिल का पूरे राज्य के चिकित्सक पिछले दो सप्ताहों से तीव्र विरोध कर रहे हैं। आई.एम.ए. टोंक के प्रवक्ता डॉ. राजीव बंसल ने बताया कि भविष्य में कोई भी निजी चिकित्सालय इन योजनाओं के अंतर्गत काम नहीं करेगा।
सभी रोगियों का उपचार अस्पताल द्वारा निर्धारित फ़ीस के नकद भुगतान पर ही किया जाएगा। सरकार चाहे तो इस ख़र्चे का पुनर्भुगतान मरीज़ के खाते में कर सकती है।
आई.एम.ए. टोंक के सचिव डॉ. राजेश मालपानी ने बताया कि सरकार द्वारा यह बिल असंवैधानिक है तथा जनता को गुमराह करने एवं आगामी चुनावों में वोट बटोरने की नीयत से इसे पारित किया गया है।
इस क़ानून को सरकार द्वारा वापस लिए जाने तक चिकित्सकों का यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने आम जनता से चिकित्सकों का पक्ष समझने और उसे समर्थन देने की अपील भी की।