नई दिल्ली
राहुल गांधी को इस्तीफा दिए दो महीने से ज्यादा समय हो चुका है। पार्टी अब तक तय नहीं कर पाई है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा। हालांकि अब कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की खुलकर मांग की है।
प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की खुलकर
अब प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की खुलकर हो रही है मांग कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने प्रियंका गांधी को अध्यक्ष पद की कमान सौंपने को लेकर आवाजें उठानी शुरू कर दीं हैं।
कांग्रेस नेताओं ने अब तक अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गांधी के नाम का खुलकर जिक्र नहीं किया था।
दरअसल राहुल गांधी ने 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस्तीफा सौंपने के दौरान कहा था कि पार्टी को पद के लिए गांधी परिवार के इतर किसी व्यक्ति को ढूंढना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी को मनाने की पूरी कोशिश की लेकिन वे अपनी बात पर कायम रहे। इसके बाद से ही पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश कर रही है लेकिन कई पदाधिकारियों के इस्तीफे के बीच इस पर फैसला आसान नहीं दिखाई दे रहा है।
काफी लोग यही कह रहे हैं
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि काफी लोग यही कह रहे हैं। मैं भी मानता हूं कि प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष होना चाहिए। वह गांधी परिवार से हैं. उनमें पार्टी का नेतृत्व करने की काबिलियत है। अब तक प्रियंका गांधी का नाम खुलकर नहीं लिए जाने पर उन्होंने कहा कि उनका नाम सामने आएगा. मेरे विचार में यह एक अच्छा विकल्प होगा. राहुल गांधी ने गैर-गांधी नेतृत्व की बात की थी. इसीलिए लोग खुलकर कहने में संकोच कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता भक्त चरण दास का कहना है कि राहुल गांधी की गैरमौजूदगी में पार्टी के लाखों कार्यकर्ता प्रियंका गांधी को नेतृत्व देने की ही मांग करेंगे। यही नहीं उनकी ओर से मांग की जा रही है. बस उनकी मांग सही जगह तक पहुंच नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि सभी लोग यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के साथ एक विश्वसनीय टीम होनी चाहिए और हमें बेहतर कार्य करना होगा। मेरा मानना है कि अगर राहुल गांधी अपना इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो प्रियंका गांधी को पार्टी प्रमुख बनना चाहिए. पार्टी को उनके नाम का प्रस्ताव लाना चाहिए।
प्रियंका के नाम पर चर्चा ऐसे समय में शुरू हुई है जब कई वरिष्ठ नेताओं को डर है कि पार्टी में उनकी स्वीकार्यता उस तरह की नहीं हो सकती है, जो राहुल की है। सूत्रों ने कहा कि कई नेताओं को मई में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रियंका गांधी की टिप्पणी रास नहीं आई थी. पार्टी के कुछ नेताओं का कहना था कि जब राहुल को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया जा रहा था, तभी प्रियंका गांधी ने कहा था कि जिन्होंने पार्टी की हत्या की वे कमरे में बैठे थे।