टोंक
टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने शुक्रवार को लोकसभा सदन में शून्यकाल के दौरान मांग उठाई कि राजस्थान में कांग्रेस के शासन काल में पोर्टल पर संशोधन कर नायका के स्थान पर नायक करवाया जावें, जिससे इनको अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र और अन्य लाभ मिल सकें।
टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने शुक्रवार को लोकसभा सदन में शून्यकाल के दौरान मांग रखी कि भारत के राजपत्र में अनुसूचित जातियां व अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 1976 की संख्या 108 के अनुसार नायक समुदाय राजस्थान की अनुसूचित जनजाति की सूची मे शामिल किया गया था, अनुसूचित जनजातियों को विनिदिष्ट (शामिल) करने वाले अनुच्छेद 342 के खण्ड (1) के तहत जारी अधिसूचना को केवल संसद द्वारा बनाये जाने वाले कानून से ही संशोधित किया जा सकता हैं।
सांसद जौनापुरिया ने सदन में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के शासन काल मे 13/05/2013 को राज्य सरकार ने इसकों बदल कर पोर्टल में नायक की जगह नायका कर दिया जबकि नायका नाम से कोई जाति ही नहीं है। पिछले 37 साल से यह नायक जाति के नाम से जाना जाता था और इसको अनुसूचित जनजाति में रखा गया था। पूरे राजस्थान में लगभग 15 लाख की आबादी है जबकि राजस्थान के अलावा नायक दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में अभी भी नायक के नाम से ही जाने जाते हैं। जौनापुरिया ने कहा कि पोर्टल पर संशोधन कर नायका के स्थान पर नायक करवाया जावें, जिससे इनको अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र और अन्य लाभ मिल सकें।