Jaipur News – भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां शुक्रवार को भाजपा के निर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षक बैजनाथ पंडा और नित्यानंद राय ने उनके निर्वाचन की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही पूनियां के तेवर भी बदल गए हैं। उन्होंने मंच से साफ कहा कि 14 सितंबर से आज तक मैंने सबको खुला छोड़ा हुआ था। जिसको अच्छा करना है वो अच्छा कर ले, और जिसको गड़बड़ करनी है वो गड़बड़ कर ले। मगर अब ऐसा नहीं चलेगा। अपने 37 साल के सफर में भले ही मैंने किसी का भला न किया हो, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मैंने किसी का बुरा भी नहीं किया। मेरा सिर्फ टाइटल बदलकर अध्यक्ष हुआ है।
मेरा नाम और काम नहीं अभी भी वही है। मेरी ना तो किसी से दौड़ है और ना ही किसी से होड़। हमारा लक्ष्य 2023 में जीत दर्ज करना है। उन्होंने कहा कि हम लोग बीजेपी के संविधान को सिर्फ नाम के लिए नहीं मानते, बल्कि हम इस संविधान को जीते हैं। पूनियां ने साफ तो पर कहा कि पार्टी में चाहे छोटा कार्यकर्ता हो या फिर बड़ा कार्यकर्ता अब संगठन की खिलाफत और गफलत को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वो खुद अपना इस्तीफा अपनी पत्नी को सौंप कर आए है, ताकि उनसे कोई गलती हो जाए तो राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश को इस्तिफा सौप दे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि अब उनका मिशन राजस्थान से कांग्रेस को 2023 में सत्ता से बाहर करना है और फिर हर बार भाजपा का सत्ता काबिज हो उनका ये प्रयास कार्यकर्ताओं के भरोसे होगा। पूनियां ने कहा कि वो चाहते है कि 2023 में प्रदेष में भाजपा की सरकार बने और उसके मुखिया के माथे पर अपने हाथों से तिलक लगाए। इस दौरान पूनियां कांग्रेस पर बरसते हुए कहा कि उन लोगो को भी ईशारे में समझा दिया जो कि पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद नौसिखिया समझ रहे थे।
उन्होंने किसी का बुरा नहीं किया है लेकिन अब वो कार्यकर्ता के तौर पर अपना संपूर्ण देने की कोशिश करेंगे। पूनियां ने माना कि राजनीति में शुद्धता चुनौती है, लेकिन वो इसको कार्यकर्ताओं की दम पर स्वीकार करते है। पूनिया ने भैरों सिंह शेखावत, वियायाराजे सिंधिया, सुन्दर सिंह भंडारी, जगदीश प्रसाद माथुर, ललित किशोर चतुर्वेदी, रघुवीर सिंह कौशल, रामदास अग्रवाल, मदन लाल सैनी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, भंवरलाल शर्मा और हरिशंकर भाभड़ा को भी किया याद किया। उन्होंने कहा कि इन सभी से मुझे सीखने को मिला है।
वही कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षक नित्यानंद राय ने भी पूनियां को संगठन को मजबूत करने को कहा, साथ ही सीएए पर राजस्थान में सकारात्मक माहौल बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में गलत माहौल बना रही है। देश में विस्थापित अपने आपको बदनसीब समझते थे,लेकिन उनके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मसीहा बनकर आए है। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भविष्यवाणी की थी 21वीं सदी भारत के साथ होगी और आज भारत मा कमल पर विराजमान है।
वैजयंत पंडा सभी पदाधिकारी संगठन चुनाव के आधार पर ही चुने गए है। कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का झूठ बोलकर विरोध हो रहा है। इसके पक्ष में भाजपा की ओर से प्रदेष भर में जागरण अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सीएए के समर्थन में एक बडी रैली होनी चाहिए। यह कानून किसी भी धर्म पर कोई असर नहीं डालता इस कानून का पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पक्ष लिया था लेकिन आज लेकिन कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रहे हैं। खासकर कांग्रेस पार्टी इस कानून का इस्तेमाल करके पहले ऐसे कई लोगों को भारत की नागरिकता दे चुकी है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि वो पंचायती राज चुनावों में कांग्रेस को मुंह की खाने को मजबूर करे।
राजेंद्र राठौड़ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूनिया ने राजनीति से लेकर इस पूरे राजस्थान को अपने अपने पैरों से नापा है। प्रदेष का नौजवान इस वक्त कांग्रेस के कुशासन को न केवल घुटनों के बल चलाएगा की बल्कि राजस्थान की आवाज बनेगा।
नेताप्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कहा कि प्रदेषाध्यक्ष की यह वह कुर्सी है जिन लोगों ने अपने जीवन का सब कुछ पार्टी को खड़ी करने में लगाया हैं। यह कुर्सी उद्देश्यों के लिए यह कुर्सी चुनौतीपूर्ण भी है और लक्ष्य प्राप्ति का भी अवसर है । हमने व्यक्ति पूजा के लिए नहीं देश पूजा के लिए जीवन दांव पर लगाया है। कार्यकर्ता चुनौती आधारित बात को ध्यान में रखते हुए आगे बढे। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूनिया की लोकप्रियता का लाभ भाजपा को मिलेगा।
आपने संगठन में जिस प्रकार से काम दिया है यह संगठन में जीत हासिल की है। आप राष्ट्रीय नेतृत्व के भी निकटतम व्यक्ति बनने वाले हैं। हालांकि केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, अर्जुन मेघवाल, सांसद सुमेधानंद सरस्वती, जसकौर मीणा, मनोज राजोरिया, सहित कई विधायक और पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई। इस दौरान भाजपा मुख्यालय में सुबह से ही जश्न और खुशी का माहौल रहा। वहीं स्वागत समारोह के साथ आतिशबाजी भी होती रही।