Newai news । कांग्रेस के पूर्व विधायक कमल बैरवा ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोविड 19 के तहत देश की चरमराई अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने एवं प्रभावित लोगो को राहत पैकेज देने की घोषणा फुस्स ही साबित हुई। बैरवा ने बताया कि यह घोषणा राहत के नाम पर केवल छलावा ही हैं। इससे ज्यादा कुछ नही हैं ।
बैरवा ने शनिवार को अपने निवास से दूरभाष पर इस संवाददाता को बातचीत में बोल रहे थे ।उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान बीते 52 53 दिनों से लॉक डाउन के चलते सभी कारोबार एवं कारोबारी प्रभावित हुए उन्हें राहत देने के लिये 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देने की घोषणा भी जुमला ही साबित हुआ है।
उन्होंने बताया कि घरो में काम करने वाले को 10 हजार रु,की मदद देने की घोषणा की हैं, जो कर्जे के रूप में देगी ।वही किसानों को राहत के नाम 20 लाख करोड़ रुपये नाबार्ड के जरिये ऋण के रूप में देगी। इसे राहत नही कर्जा ही कहा जायेगा। इसी प्रकार 2,50 करोड़ किसान पशु पालकों को 2 लाख का ऋण किसान क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा । बैरवा ने कहा कि ऋण तो ऋण ही होता हैं, सहायता सहायता होती हैं ।
बैरवा ने एक राष्ट्र एक राशन के बारे मे बोलते हुए कहा कि राज्य में गरीब परिवारों को अब राज्य में कही से भी राशन सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अधिकांश घोषणा तो बजट घोषणा को भी इस घोषणा में शामिल कर देश की जनता को गुमराह किया गया ।
बैरवा ने उक्त वैश्विक महामारी के दौरान मदद के नाम पर कल का आश्वाशन ही हाथ लगना बताया । उन्होंने बताया कि देश की जनता को प्रधानमंत्री की 20 लाख करोड़ की घोषणा से आमजनों को राहत की आस बंधी थी,उसकी हवा वित्तमंत्री ने पहली की गई राहत की घोषणा में ही निकाल दी ।
उन्होंने बताया कि घोषणा का पिटारा खुला तो देश का आमजन ठगा सा महसूस किया। देश के सभी छोटे छोटे कारोबारी यह सोच रहे थे ,जिनमे किसान फसल बर्बादी का मुआवजा,किसान निधि 6 हजार रु,से अधिक बड़ाई जाएगी। वही खाद,बीज,डीजल की कीमत में राहत मिलेगी।लेकिन सभी को अतिरिक्त्त कर्ज ही मिला और कर्जे की पात्रता ओर इजाफा मिलेगा ।
उन्होंने बताया कि देश के अन्नदाता के लिये11 घोषणा की गई लेकिन उन घोषणा में नया क्या है। उन्होने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इस संकट की घड़ी में ब्याज तक माफ नही कर संवेदनहीनता का ही परिचय दिया ।