Tonk News /Dainik reporter (फिरोज़ उस्मानी) – प्रदेश में भाजपा को विधानसभा उप चुनाव व नगर निकाय चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब जिलाध्यक्षों की घोषणा होनी है। लेकिन उससे पहले प्रदेश भाजपा ने एक सर्कुलर जारी किया है। सुत्रों के अनुसार उसमें जिलाध्यक्ष की उम्र सीमा 50 वर्ष तय कर दी है। वहीं मण्डल अध्यक्ष की आयु सीमा 40 साल तय की है।
अब सवाल ये उठता है कि टोंक जिले का अगला जिलाध्यक्ष कौन बनता है। वर्तमान में टोंक भाजपा जिलाध्यक्ष पद पर गणेश माहूर है। लेकिन अब वो इस रेस से बाहर होते दिखाई दे रहे है। क्योंकि गणेश माहूर दो बार जिलाध्यक्ष पद पर रहे चुके है। टोंक नगर परिषद में मिली हार के बाद भाजपा पदाधिकारियों पर सवालियां निशान खड़ा होता है। गुटबाजी के चलते भाजपा आलाकमान नए चेहरे की भी तलाश में है।
- इन नामों की है, चर्चा
पूर्व टोंक विधायक अजीत सिंह मेहता, पूर्व विधायक देवली उनियारा राजेन्द्र गुर्जर, राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य दीपक संगत, सत्यनारायण चौधरी, नरेश बंसल, राजेन्द्र पराणा जिलाध्यक्ष की रेस में है।
हांलाकि तय आयु सीमा निर्धारित होने के बाद कई कर्मट भाजपा नेता जिलाध्यक्ष पद से बाहर होते दिखाई दे रहे है। प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव करीब आ रहे है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट का निर्वाचन क्षैत्र होने के चलते भाजपा जिलाध्यक्ष गुर्जर, जाट व अनुसुचित जाति पर दावं खेल सकती है। टोक के नए जिलाध्यक्ष की घोषणा आगामी दिनों में होने की संभावना है। हालांकि अभी प्रदेश भाजपा संगठन के लिए टोंक जिलाध्यक्ष बनाना टेढ़ी खीर ही नजर आ रहा है।