Jaipur News। कर्नल आशुतोष शर्मा का मंगलवार को जयपुर में अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें पत्नी पल्लवी और बड़े भाई पीयूष ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देते समय पत्नी के चेहरे पर गर्व की मुस्कान थी। इससे पहले कर्नल आशुतोष को मिलिट्री स्टेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी श्रद्धांजलि दी। वहीं, पंचकूला में मेजर अनुज सूद को उनके पिता सीके सूद ने मुखाग्नि दी।

शहीद कर्नल आशुतोष को इसी तिरंगे में लपेटा गया था। इसे बाद में पत्नी पल्लवी को सौंप दिया गया। वे शायद यही सोच रही हैं- आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे।
सबसे पहले मां और भाई ने पुष्पचक्र चढ़ाया
मंगलवार सुबह करीब 8.30 बजे कर्नल आशुतोष की पार्थिव देह को आर्मी कैंपस में रखा गया। यहां उनकी मां और भाई ने पुष्पचक्र चढ़ाया। इसके बाद सेना के अफसरों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा का पार्थिव शरीर आज श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर से जयपुर पहुंचा। राजस्थान के मुख्यमंत्री, श्री अशोक गहलोत और आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमांड, लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर, द्वारा शहीद को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया गया। इस अवसर पर, श्री खाचरियावास, भूतपूर्व सैनिक कल्याण राजस्थान के मंत्री और श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, सांसद, श्री संदीप वर्मा, राजस्व सचिव, श्री आनंद श्रीवास्तव, पुलिस आयुक्त 5, जयपुर और श्री जोगाराम, डीसी जयपुर भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर,जनरल क्लेर ने आशुतोष शर्मा के अदम्य साहस और बलिदान के साथ-साथ मेजर अनुज सूद सहित उनके अन्य चार साथियों की बहादुरी और अंतिम बलिदान को भी सलाम किया।
घटनाक्रम क्या
कर्नल आशुतोष शर्मा ने 01 सितंबर 2001 को 19 बटालियन ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स में कमिशन लिया। वह 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे, जो संवेदनशील उत्तरी कश्मीर में तैनात थे। हमेशा सामने से आने वाले कर्नल आशुतोष शर्मा दो सेना मेडल के प्राप्तकर्ता थे, अधिकारी अपने साथियों, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश कुमार, लांस नायक दिनेश सिंह और जम्मू-कश्मीर के सब इंस्पेक्टर शकील काजी के साथ 02 मई 2020 की रात हंदवाड़ा में पाक प्रायोजित आतंकवादी के साथ हुए भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए।
परिवार की स्थिति
कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती पल्लवी शर्मा और एक 12 वर्षीय बेटी तमन्ना हैं, जो वैशाली नगर, जयपुर में रहती हैं। शहीद की माता श्रीमती सुधा शर्मा और भाई, पीयूष शर्मा भी जयपुर में ही रहते हैं।