जयपुर । बारह दिनों के बाद भी नही बन पाई सहमति प्रदेश भाजपा के नए मुखिया को लेकर मची रार थमने का नाम नहीं ले रही है। विधायकों और मंत्रियों के आलाकमान को समझाइश के बाद कमान अब मु यमंत्री वसुंधरा राजे ने संभाल ली है। ऐसे में गुरूवार को सीएम दिल्ली पहुंच गई तथा वहां राष्टï्रीय नेताओं से मुलाकात भी की। हालांकि लंबी मंत्रणा के बाद भी प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा नहीं होने के पीछे बताया जा रहा है कि किसी भी नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं केन्द्रीय नेतृत्व जोधपुर सांसद व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को ही प्रदेश में संगठन की कमान देने पर अडा हुआ है।
दोपहर को सीएम ने दिल्ली जाने के बाद पहले राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल से मुलाकात की तथा प्रदेश के राजनीतिक हालात की जानकारी दी। करीब एक घंटे तक चली मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद वे वहां से चली गई। दोपहर बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी नागपुर से दिल्ली लौट आए और दोनों के बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक वार्ता हुई। संभावना थी कि दोनों की मुलाकात के बाद नाम की घोषणा हो जाएगी किन्तु नहीं हो पाई।
अन्य नामों पर भी विचार
मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन के आला नेताओं के बीच हुई बैठक में गजेन्द्र सिंह शेखावत के अलावा अन्य नामों पर भी चर्चा हुई है। प्रदेश में जातिगत समीकरणों को देखते हुए ओम बिडला और अरुण चतुर्वेदी के नामों पर भी विचार किया गया। इसके अलावा बैठक में प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही चुनाव संचालन समिति बनाने और उसमें शामिल किए जाने वाले नेताओं नामों पर बात की गई है।
सराफ और भडाना भी पहुुंंचे दिल्ली
प्रदेशाध्यक्ष को लेकर मचे घमासान के बीच गुरूवार को केबिनेट मंत्री कालीचरण सराफ और हेमसिंह भडाना भी दिल्ली पहुंचे। उनके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह भी दिल्ली में ही थे। राव राजेन्द्र सिंह ने शाम को सीएम के निजी निवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी की। इधर, दोनों मंत्रियों ने अपने विभाग के कार्यों के लिए ही दिल्ली आने की बात कही है।