जयपुर/ राजस्थान में सरकार अब फर्जी स्थान में इतने और पुराने स्टांप पुरानी तारीख में बिक्री होने पर मुंह महंगे दामों पर स्टांप विक्रेताओं द्वारा स्थान बेचे जाने की प्रक्रिया पर अब लगाम लगाने जा रही है ।
इसके तहत प्रदेश में सभी स्टांप विक्रेताओं के रजिस्टर अब ऑनलाइन होंगे और इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जिलों में शुरुआत की जा चुकी है और शीघ्र ही पूरे प्रदेश में यह प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
पंजीयन मुद्रांक विभाग के सूत्रों के अनुसार राजस्थान में सभी स्टाफ विक्रेताओं के रजिस्टर ऑनलाइन किए जाएंगे इसके तहत मोबाइल ऐप में ऑनलाइन स्टांप खरीदने वाले व्यक्ति के आधार नंबर नाम पता मोबाइल नंबर भी भरे जाएंगे ।
प्रदेश में करीब 20,000 से अधिक स्टांप विक्रेता है और प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत हनुमानगढ़ सीकर जोधपुर और उदयपुर जिले में यह नहीं प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तथा सभी जिलों में ऑनलाइन है पूरी तरह से लागू होंगे लेकिन फिलहाल इन 4 जिलों को छोड़कर जहां यह ऑनलाइन पर किया नहीं है वहां स्टांप विक्रेता पहले की तरह ही रजिस्टर में विवरण के साथ स्थान बेचने वाली प्रक्रिया लागू रहेगी।
वर्तमान में अभी तक स्टांप विक्रेता विभाग द्वारा उपलब्ध रजिस्टर में स्टांप खरीददार के नाम पते उपयोग में लेने का उद्देश्य लिखते हैं ऑनलाइन स्टांप विक्रेता की नई प्रक्रिया को पूरे प्रदेश में लागू करने को लेकर एनआईसी की राज्य इकाई मॉनिटरिंग कर रही है।
स्टांप की ऑनलाइन बिक्री प्रक्रिया के पीछे सरकार और और पंजीयन उद्यान विभाग का मानना है कि स्टांप विक्रेता अभी तक स्टांप बेचने की जो प्रणाली है उसके तहत रजिस्टर स्टॉर्म विक्रेता विभाग में देरी से जमा कराते हैं और यही नहीं कई कालम जगह खाली छोड़ देते हैं तथा जिसे बाद में पुरानी तारीख में स्टाफ बिक्री दिखाई जाती है ।
यह स्टांप विक्रेता इस खाली जगह में पुरानी तारीख में मुंह मांगे दामों पर स्टॉप बेस्ट है यही एक पुराने स्टांप की यह कीमत कई गुना अधिक वसूलते हैं इस नई प्रणाली से इस फर्जीवाड़ा और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा।
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के अनुसार यदि स्टांप विक्रेता ऑनलाइन केस नई प्रक्रिया के तहत मोबाइल ऐप का उपयोग नहीं करता है तो आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए उस स्टांप विक्रेता का मुद्रांक अनुज्ञा पत्र नवीनीकरण नहीं होगा।
इसके साथ ही स्थानीय सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों में स्टांप विक्रेताओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए पाबंद किया है रीटा विक्रेताओं को ईमेल आईडी मोबाइल नंबर आधार कार्ड एवं एसएसओ आईडी मैप करवाई जा रही है