ओवैसी पर जवाबी हमले की तैयारी में कांग्रेस, अपने अल्पसंख्यक नेताओं को करेगी आगे

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। हैदराबाद से एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस पार्टी पर किए गए जुबानी हमले का जवाब देने की तैयारी अब प्रदेश कांग्रेस ने कर ली है असदुद्दीन ओवैसी पर जवाबी हमले के लिए प्रदेश कांग्रेस अपने अल्पसंख्यक नेताओं को आगे करेगी। कांग्रेस के थिंक टैंक ने इस रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है

 कांग्रेस थिंक टैंक की चिंता इस बात को लेकर है कि पार्टी का परंपरागत वोट बैंक कहीं उनसे छिटक नहीं जाए और अब इसी को लेकर कांग्रेस थिंक टैंक में नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।बताया जा रहा है कि कांग्रेस थिंक टैंक असदुद्दीन ओवैसी की तरफ आकर्षित हो रहे अल्पसंख्यक युवाओं और मतदाताओं का ध्यान हटाने के लिए अपने विधायकों, मंत्रियों और बोर्ड-निगमों के चेयरमैन को अलग-अलग टास्क देकर उन्हें कांग्रेस के पाले में ही रखने के निर्देश दिए गए।

दरअसल  जिस तरह से बुधवार को असदुद्दीन ओवैसी के जयपुर, सीकर और झुंझुनूं जिले के दौरे के दौरान अल्पसंख्यक मतदाताओं की भीड़ उमड़ी है, उसके बाद से ही कांग्रेस में चिंता बढ़ी हुई है। यही वजह है कि कांग्रेस के मंत्रियों- विधायक भी असदुद्दीन ओवैसी के राजस्थान में कोई वजूद नहीं होने का दावा कर रहे हैं।

साथ ही यह भी कह रहे हैं कि राजस्थान का अल्पसंख्यक मतदाता किसी भी कीमत पर ओवैसी के साथ नहीं जाएगा,चूंकि ओवैसी अल्पसंख्यक वर्ग के वोट लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी की मदद करते हैं।

बताया जाता है कि कांग्रेस थिंक टैंक ने कांग्रेस से जुड़े मंत्री-विधायकों और अल्पसंख्यक नेताओं को ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक क्षेत्रों में दौरे करने और उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी दूर हो सके।

बताया जाता है कि विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद कांग्रेस से जुड़े अल्पसंख्यक नेता मुस्लिम बहुल इलाकों में जाकर कांग्रेस की रीति-नीति, कल्चर और गहलोत सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे और साथ ही बताएंगे कि सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग के लिए किन-किन योजनाओं का संचालन कर रखा है।

दरअसल असदुद्दीन ओवैसी  फैक्टर को लेकर होने वाले नफा-नुकसान की चिंता कांग्रेस  थिंक टैंक को इसलिए भी है क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान के दिन 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है उन 50 सीटों पर अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

साथ ही करीब 30 से 35 सीटें ऐसी हैं, जहां पर अल्पसंख्यक मतदाता 40 से 50 हजार की संख्या में है। ऐसे में अगर इन सीटों पर एमआईएम चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/