जयपुर/ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में पहली बार शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री को भी कैबिनेट स्तर का दर्जा देते हुए कैबिनेट मंत्री के बराबर पावर दे दिए गए हैं।
अब शिक्षा विभाग में दोनों मंत्री तबादले कर सकेंगे और नीति निर्धारण व निर्णय दोनों की रजामंदी से होंगे ।
गहलोत कैबिनेट मंत्री मंडल में शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला कैबिनेट उत्तर का दर्जा मिला हुआ था और कैबिनेट मंत्री थे तथा विभाग में राज्यमंत्री के रूप में भरतपुर जिले की कामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जाहिदा खान को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था ।
लेकिन कल ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलवर मैं यात्रा के दौरान राज्य मंत्री जाहिदा खान ने राहुल गांधी से भेंट कर अपनी व्यथा बताइ जाहिदा खान अपने विभाग में पावर कम होने को लेकर पिछले कुछ समय से सरकार से नाराज सी चल रही थी और यही व्यथा उन्होंने राहुल गांधी के समक्ष इसकी राहुल गांधी के दिशा निर्देश पर गांधी
की यात्रा समाप्त होते ही कल देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिशा निर्देश पर शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला ने स्टनिंग आदेश जारी कर जायदा खान की शक्तियां बढ़ा दी है ।
अब जाहिदा खान सेकंड ग्रेड शिक्षक से लेकर फर्स्ट ग्रेड तक के शिक्षक और प्रिंसिपल के तबादले कर सकेंगे यही नहीं वह राजपत्रित और राजपत्रित कार्मिकों के तबादलों के पावर भी उनको मिल गए हैं इसके अलावा शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान को अब शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला के समान वित्तीय अधिकारी मिल गए हैं।
अब विभाग में बजट के साथ-साथ समग्र शिक्षा अभियान राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के फैसलों में भी जायदा खान का दखल रहेगा अब तक कैबिनेट मंत्री के रूप में बीड़ी कल्ला ही वित्त फैसले करते थे ।
लेकिन अब सभी फाइलें जायदा खान के पास भी जाएंगी यहां तक कि विभाग के सभी न्यायिक संबंधी फैसलों की फाइलें भी जायदा खान के पास जाएंगी और विभाग की सभी नीतिगत निर्णयों में जाहिदा खान की भूमिका अहम होगी।