Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the foxiz-core domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the fast-indexing-api domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/dreports/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आ सकता है नया नाम, कौन, जानें पढ़े ख़बर 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए आ सकता है नया नाम, कौन, जानें पढ़े ख़बर 

Dr. CHETAN THATHERA
5 Min Read

नई दिल्ली/ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेसमें मच रहे घमासान और खिंचा तान तथा अनुशासनहीनता और हठधर्मिता ने आलाकमान सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को सोचने पर मजबूर कर दिया है और गहलोत की जगह गांधी परिवार के ही विश्वस्त अन्य नेता को मैदान में उतारने पर भी मंथन शुरू कर दिया है और अगर गहलोत की जगह और कोई चुनाव मैदान में उतर जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।

 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी के इनकार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री तथा गांधी परिवार के विश्वस्त सिपहसालार अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में उतरने का गांधी परिवार की ओर से संकेत के बाद गहलोत द्वारा चुनाव मैदान में उतरने के ऐलान के साथ ही राजस्थान में कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री के पद को लेकर मचे घमासान और आलाकमान के द्वारा नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए भेजे गए।

पर्यवेक्षक राजस्थान के प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़के द्वारा आलाकमान के दिशा निर्देशों के तहत राजस्थान में कांग्रेस के प्रत्येक विधायक से वन टू वन अर्थात एक एक विधायक से मुलाकात और उनकी मंशा जानने और फिर सामूहिक रूप से सभी विधायकों की मंशा जानने के निर्देशों की पालना की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के पार्टी के मंत्री और विधायकों द्वारा अवहेलना करने और अनुशासनहीनता करने के बाद राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़के भी नाराज हो गए हैं और उन्होंने आलाकमान को इसकी सूचना दे दी है और वह अब दिल्ली के लिए रवाना होकर अपनी पूरी रिपोर्ट सोनिया गांधी और राहुल गांधी को देंगे।

 

इधर आलाकमान सोनिया गांधी ने अनुशासनहीनता आदेशों की अवहेलना और इस घटनाक्रम गुटबाजी तथा खींचातानी को देखते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के सिपहसालार कमलनाथ को दिल्ली तलब किया है।

 

 राजनीतिक सूत्रों के अनुसार आलाकमान सोनिया गांधी अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए गहलोत की बजाय विकल्प के रूप में कमलनाथ से भी नामांकन दाखिल करा उसे मैदान में उतार सकती है ? कमलनाथ को भी मैदान में उतारने और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की राजनीतिक हलकों में अब चर्चा शुरू हो गई है कमलनाथ के नाम पर किसी को कोई एतराज भी नहीं है।

ऐसे में कमलनाथ को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं भी अब नजर आने लगी है । अगर ऐसा हो जाता है तो राजस्थान में कांग्रेस में चल रहा है घमासान और अंतर करें खत्म हो जाएगा

गहलोत की भावना भी थी की वह चुनाव से

राजनीतिक सूत्रों और अंदर खाने की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अंदरूनी भावना भी यही थी कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से बचें और राजस्थान नहीं वह अपनी राजनीति करें इस संबंध में कई बार गहलोत ने अपने बयानों में दौर आया भी था कि वो राजस्थान नहीं छोड़ना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री गहलोत की आंतरिक भावना यही है कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहे और मुख्यमंत्री बने रहने के साथ ही और कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में भी पूरी तरह से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से दखलदाजी बनाकर रखें।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बारे में अब तक यह माना जाता था कि वह आलाकमान अर्थात सोनिया गांधी और राहुल गांधी का फैसला तुरंत प्रभाव से मानते हैं उनकी बात को कभी भी नकार नहीं सकते ।

लेकिन राजस्थान में कल रात को जो घटनाक्रम हुआ और जिस तरह से गहलोत समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने अपनी शर्ते रखी है और गहलोत द्वारा यह बयान देना कि मेरे बस की बात नहीं है से यह संकेत गया है कि गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद गांधी परिवार के फैसलों को तत्काल मानने वाले नहीं हैं और इसी माहौल को लेकर केंद्र की राजनीति में गहलोत विरोधी खेमा सक्रिय हो गया है।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम