मंकीपॉक्स को लेकर बोले मंत्री परसादी लाल मीणा,’ यह बीमारी हमारे देश में नहीं, सरकार अलर्ट मोड पर है

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। मंकीपॉक्स बीमारी को लेकर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का बयान सामने आया है। परसादी लाल मीणा ने कहा कि यह बीमारी अभी हमारे देश में नहीं है लेकिन पूरी सरकार और विभाग इसे लेकर अलर्ट मोड पर है। परसादी लाल मीणा ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ईश्वर करे कि ऐसी बीमारी हमारे देश में नहीं आए।

पहले हमने कोविड से मुकाबला किया था। हमने विभाग को पूरे अलर्ट मोड पर रखा हुआ है। कोरोना के छिटपुट मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स मामले में हॉस्पिटलाइज करने की आवश्यकता नहीं है घर पर ही इलाज हो रहा है फिर भी हमारी पूरी निगाहें हैं।

बाहरी उम्मीदवारों का फैसला पहली बार नहीं हुआ

इधर राज्यसभा चुनाव में स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर बाहरी उम्मीदवारों के सवाल पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राज्यसभा चुनाव का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है।कांग्रेस आलाकमान ने जो फैसला किया है वह सभी को मानना पड़ता है उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बाहरी उम्मीदवार बनाए गए हैं पहले भी ऐसा होता आया है। उन्होंने कहा कि हम तीनों सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। संयम लोढ़ा की ओर से बाहरी उम्मीदवार को लेकर खड़े किए गए सवाल पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि संयम लोढ़ा ने तो पहले भी कुछ कहा था उन्हें बाहरी नेताओं के पहले भी पैरवी की थी। पार्टी को मजबूती देने के लिए सोनिया गांधी ने जो फैसला किया है उसका स्वागत करते हैं।

सीएचए कार्मिक आंदोलन खत्म करें तो सरकार बातचीत को तैयार

सीएचए कार्मिकों की ओर से लगातार धरने प्रदर्शन के सवाल पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सीएचए कर्मचारियों को टेंपरेरी बेस पर लगाया गया था ।अगर यह अपना आंदोलन समाप्त करें तो हम सौहार्दपूर्ण बातचीत कर सकते हैं, जब तक आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे म तब तक बात नहीं करेंगे ।उन्होंने कहा कि संविदा नर्सेज कार्मिकों का मामला भी संज्ञान में है।

अधिकारियों के गलत निर्णय की वजह से जारी करने पड़ी एसओपी
इधर गृह विभाग की ओर से जारी एसओपी को लेकर है परसादी लाल मीणा ने कहा कि पहले भी अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने का गलत फैसला लिया था। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूं कि एसपी का फैसला गलत था। ऐसा निर्णय नहीं करना लेना चाहिए था।इसलिए सरकार ने इस तरह की एसओपी जारी की है। डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड बहुत ही गंभीर घटना थी। एसपी की जिम्मेदारी थी कि 302 का मामला बनता है या नहीं,जब 302 का मामला बनता ही नहीं तो एफ आई आर दर्ज क्यों की गई। अब यह सरकार का अच्छा निर्णय है जिससे इस तरह की घटना दोबारा ना घटे।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/