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अक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए बनेगा जियो मेंपिंग आधारित डेटा बैंक, सोलर प्लांटों व सोलर पार्कों के लिए चिन्हित होगी चंक ऑफ लैंड -अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा विभागGeo mapping based data bank will be made for renewable energy project, chunk of land will be identified for solar plants and solar parks - Additional Chief Secretary, Energy Departmentअक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए बनेगा जियो मेंपिंग आधारित डेटा बैंक, सोलर प्लांटों व सोलर पार्कों के लिए चिन्हित होगी चंक ऑफ लैंड -अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग - Dainik Reporters

अक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए बनेगा जियो मेंपिंग आधारित डेटा बैंक, सोलर प्लांटों व सोलर पार्कों के लिए चिन्हित होगी चंक ऑफ लैंड -अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग

liyaquat Ali
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जयपुर, । ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में अक्षय ऊर्जा परियोजना(energy project) की स्थापना के लिए जियो मेंपिंग आधारित डेटा बैंक तैयार किया जाएगा। राज्य के सभी जिला कलक्टरों की सहभागिता से सभी जिलों में उपलब्ध चंक ऑफ लैंड चिन्हित की जाएगी। इस संबंध में जिला कलक्टरों को पत्र लिखकर विस्तार से कार्ययोजना भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इससे प्रदेश के सभी संभावित स्थानों पर समन्वित निवेश व रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे।

डॉ. अग्रवाल बुधवार को अक्षय ऊर्जा निगम में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए सोलर प्लांटों व सोलर पार्कों की स्थापना के लिए राजस्थान सबसे पंसदीदा प्रदेश बन गया है। राज्य में वर्ष 2024-25 तक 37.5 गीगावाट क्षमता के प्लांटों की स्थापना के लक्ष्य को और अधिक बढ़ाकर देश के राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा लक्ष्य 500 गीगावाट हासिल करने के लिए प्रदेश में और अधिक क्षमता विकसित करने की संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान सर्वाधिक संभावनाओं वाला प्रदेश है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में इस समय अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 14.5 गीगावाट क्षमता विकसित हो गई है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास और कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के लक्ष्य को समयपूर्व हासिल करने की है। इसके साथ ही इस तरह की कार्ययोजना बनाई जा रही है कि प्रदेश में इससे कहीं अधिक अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित हो सके।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं व सोलर पार्क विकसित करने के लिए देशी-विदेशी निवेशक आगे आ रहे हैं। अड़ानी, ग्रीनको व इसी तरह के इन जैसे बड़े निवेशकों ने भी रुचि दिखाई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश में भारत सरकार के उपक्रम भी राज्य सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र में भागीदार बनने के इच्छुक है।

इन सभी संभावनाओं व प्रदेश में सभी संभावित क्षेत्रों में समन्वित विकास की दृष्टि से सभी जिलों में भूमि की उपलब्धता व संभाव्यता को तलाशा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही प्रदेश में निवेश और रोजगार के नए अवसर बढ़ सकेंगे।

डॉ. अग्रवाल ने राज्य की बायोमॉस नीति को समयानुकूल बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने कहा कि बायोमॉस के क्षेत्र में भी संभावित निवेशकों को आगे लाने के प्रयास किए जाएं। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के निदेशक श्री पीएस सक्सैना ने बायोमॉस के संदर्भ में केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।

बैठक में निदेशक तकनीकी श्री एनएस निर्वाण, निदेशक वित्त  ललित वर्मा, ओएसडी  नवीन शर्मा, सीएस गजल आदि ने विस्तार से विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी।

Geo mapping based data, bank will be made for renewable energy project, chunk of land,  solar plants and solar parks – Additional Chief Secretary, Energy Department

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