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गहलोत सरकार बैकफ़ुट पर ....? - Dainik Reporters

गहलोत सरकार बैकफ़ुट पर ….?

liyaquat Ali
3 Min Read

महापौर—सभापतियों के चुनावों का तरीका बदल सकती है सरकार,

धारा 370 का इफेक्ट

जयपुर

लोकसभा चुनाव में करारी हार और उसके बाद कश्मीर से धारा-370(Section 370) हटाने के बाद बदले राजनीति (Politics) माहौल ने  निकाय चुनाव में महापौर-सभापतियों (Mayor-Chairmen) के सीधे चुनाव को लेकर किए गए अपने निर्णय से कांग्रेस सरकार (Congress Government) पीछे हट सकती है। इन चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की फीडबैक ने  सत्तारूढ़ कांग्रेस(Congress) का दुविधा में डाल रखा है। कांग्रेस ने अपनी घोषणा-पत्र में निकाय,पंचायत चुनाव से शैक्षिणक योग्यता हटाए जाने और प्रमुखों का चुनाव प्रत्यक्ष करवाने का वादा किया था।

कांग्रेस सरकार  ने पूरा भी किया लेकिन अब  कांग्रेस के दिग्गज  नेता और रणनीतिकार प्रत्यक्ष चुनाव करवाने के निर्णयों को पार्टी के खिलाफ जाता महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अब पार्टी ने  महापौर-सभापतियों  के चुनाव प्रत्यक्ष कराए जाएं या अप्रत्यक्ष?  ये तय करने का जिम्मा सरकार और संगठन ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को दिया है।

शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) कांग्रेस जनप्रतिनिधियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर इस मामले में एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को सौंपेंगे। धारीवाल की रिपोर्ट के बाद ही सरकार महापौर और सभापतियों के चुनाव को लेकर फैसला लेगी।
प्रदेश की 25 जिलों के 52 निकायों में प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि छोटे शहरों के निकायों में क्षेत्र और मतदाता संख्या विधानसभा सीट से भी ज्यादा है।

जहां नगर निगम है, वहां महापौर का चुनाव सांसद से भी बड़ा पड़ता है। ऐसे में प्रत्यक्ष चुनाव की जगह छोटे-छोटे वार्डों में पार्टी जितने के लिए फोकस करेगी तो ज्यादा फायदे में रहेगी। लोकसभा चुनावों में राष्ट्रवाद के मुद्दे पर प्रदेश में सभी 25 सीटों पर सूपड़ा होने और हाल ही में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद राजनीतिक हालात बदल गए हैं। कांग्रेस नेताओं को डर है कि  राष्ट्रवाद और धारा 370 के मामले में लोकसभा की तरह महापौर और सभापतियों के चुनाव में कांग्रेस को नुकसान न उठाना पड़ जाए।

कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी महापौर और सभापतियों के चुनाव सीधे नहीं कराने का सुझाव दिया है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस की बैठक में नेताओं ने सीधे चुनाव नहीं कराने का मामला उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यूडीएच मंत्री (UDH Minister) शांति धारीवाल को ये जिम्मा सौंपा है। धारीवाल अब अगले कुछ दिनों में तमाम विधायकों,संगठन के पदाधिकारियों और लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हारे नेताओं से इस बात पर राय-मशवरा करेंगे की ग्राउंड रियलिटी (Ground reality) क्या है, उसी के आधार पर धारीवाल अपनी रिपोर्ट सौपेंगे कि चुनाव सीधे करवाने है या नहीं।

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