पूर्व मंत्री और पंजाब के पूर्व प्रभारी चौधरी ने खोला CM गहलोत के खिलाफ मोर्चा

Madan Prajapat also opened a front after Harish Chaudhary, MLA in a mood to fight with his own government on OBC reservation

जयपुर/ राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री का पद संभालने के साथ ही मुश्किलों का दौर शुरू हुआ वह अब तक जारी है और मुश्किलें हलवाई की कढ़ाई के कीड़े की तरह मुख्यमंत्री गहलोत के पीछे लगी हुई है अब गहलोत सरकार के ही पूर्व राजस्व मंत्री तथा पंजाब के पूर्व प्रभारी हरीश चौधरी ने ओबीसी के संशोधन आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत और अपनी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जन जागरण शुरू कर दिया है।

ओबीसी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के संशोधन को लेकर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अपनी ही पार्टी की राजस्थान में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि ओबीसी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने संशोधन आदेश निकाला था लेकिन इस संशोधन आदेश को वापस अभी तक नहीं लिया गया इस संबंध में हरीश चौधरी ने पूर्व में मंत्री रहते हुए भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखे थे हरीश चौधरी का कहना है कि लोकतांत्रिक देश में और प्रदेश की 50% से ज्यादा आबादी ओबीसी वर्ग से आती है और उसको भी अगर नौकरियों में 21% आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभ्यर्थियों तक को इस संशोधन के बारे में पता नहीं है और आर ए एस की भर्ती परीक्षा में जो परिणाम आया और संशोधन किया गया उसने सारी पोल खोल कर रख दी है।

हरीश चौधरी का यह कहना है कि गहलोत सरकार 1 साल में 100000 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है भर्तियां निकालने की बात की जा रही है लेकिन इन भर्तियों में प्रदेश की ओबीसी वर्ग से क्या 1000 को या 21000 को रोजगार मिलेगा यह अभी तक स्पष्ट नहीं है और यही मेरा उद्देश्य है कि स्पष्ट हो इसको लेकर जगह-जगह ओबीसी वर्ग के संगठन प्रबुद्ध वर्ग युवा इन सब को एकत्र करके जन जागरण किया जा रहा है।

पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने स्पष्ट किया है कि अगर ओबीसी वर्ग के आरक्षण में संशोधन को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश की जनता स्वयं इसका सरकार को जवाब देगी ।