Jaipur News: कोल इंडिया में हड़ताल (Coal India strike )और छत्तीसगढ़ में भारी बरसात की वजह से कोयला आपूर्ति बाधित हो गई है, ऐसे में प्रदेश में बिजली (elsectricity)संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। कोयले की आपूर्ति नहीं होने पर बिजली उत्पादन बाधित हो गया,जिस पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Chief Minister Ashok Gehlot) ने गुरुवार को केन्द्र सरकार को तत्काल कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए पत्र लिखा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री(Chief Minister) ने सीएमओ में ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख सचिव ऊर्जा कुंजीलाल के साथ में बिजली उत्पादन की स्थिति को लेकर समीक्षा की और अधिकारियों को कोल इण्डिया से वार्ता कर प्रतिदिन 11 रैक आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बिजली उत्पादन की भरपाई सौर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक स्रोत के विकल्प भी रखने को कहा है। गहलोत ने केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी और केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आर.के. सिंह को पत्र लिखते हुए कहा कि कोयले की आपूर्ति में तत्काल सुधार नहीं होने की स्थिति में राज्य की कई विद्युत इकाइयों में उत्पादन प्रभावित होने से बिजली संकट पैदा हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि प्रदेश की जरूरत के अनुसार साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लि. (SECL) से 129.24 लाख मैट्रिक टन और नॉदर्न कोल फील्ड्स लि. से 41.50 लाख मैट्रिक टन कोयला राज्य को आवंटित किया गया है, लेकिन कोल इंडिया लि. की ओर सेेे जरूरत के मुकाबले काफी कम कोयले की आपूर्ति की जा रही है। एसईसीएल से मात्र 47 प्रतिशत और एनसीएल से केवल 69 प्रतिशत ही आपूर्ति हो पा रही है।
कोटा, सूरतगढ़ और छबड़ा थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले का कम स्टॉक रह गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम कोयला आपूर्ति में सुधार के लिए कोल इंडिया और रेलवे से संपर्क कर निरन्तर प्रयास कर रहा है लेकिन इसके बावजूद कोयले की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पा रही है। मुख्यमंत्री ने पत्र में आग्रह किया कि राज्य की बिजली आवश्यकताओं के मद्देनजर 15 से 20 रैक कोयला तत्काल राजस्थान को मिले ताकि बिजली संकट की स्थिति से बचा जा सके।
कोयले की कमी के कारण कोटा में 220 मेगावाट, सूरतगढ़ में 500 मेगावाट और छबड़ा के थर्मल पावर प्लांट में 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। प्रतिदिन कोल इंडिया से 11 कोल रैक के स्थान पर चार से पांच रैक ही मिल पा रही है। साथ ही छत्तीसगढ़ स्थित कोल ब्लॉक पारसा-कांटा से भी 9 रैक के स्थान पर पांच रैक ही उपलब्ध हो रही है।कोल इंडिया लिमिटेड कंपनी में पिछले कुछ दिनों से एफडीआई के विरोध में चल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल और छत्तीसगढ़ में भारी बरसात के कारण कोयले के खनन पर असर पड़ा है। इसके चलते राज्य के बिजली उत्पादन गृहों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है।