जयपुर। केंद्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जोधपुर में दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है।सीएम गहलोत में कहा कि यह बेहद आश्चर्य की बात है कि आज जोधपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो बयान दिए हैं वो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं।
देश की जनता गृहमंत्री के तौर पर उनके भाषण में तथ्यात्मक बातें होने की उम्मीद करती है क्योंकि उन्हें जो इनपुट सरकारी अधिकारियों, इंटेलिजेंस एवं भाजपा नेताओं तथा कार्यकर्ताओं द्वारा उपलब्ध करवाए जाएं वो सत्य होने चाहिए परन्तु इस भाषण में ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें तथ्य बताए ही नहीं गए।
इसी कारण उन्होंने झूठ से परिपूर्ण भाषण दिया। मुख्यमंत्री ने आज एक बयान जारी करके कहा कि अमित शाह गृह मंत्री के साथ देश के सहकारिता मंत्री भी हैं। जयपुर में उत्तरी राज्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने कहा था कि राजस्थान एवं गुजरात के लोग सहकारिता के नाम पर हुए घोटालों के सबसे अधिक पीड़ित हैं।
पश्चिमी राजस्थान के लोगों को आशा थी कि वो सहकारिता के नाम पर वहां के लोगों के साथ हुए संजीवनी, आदर्श इत्यादि घोटालों पर बात करेंगे और पीड़ितों को राहत दिलवाने का काम करेंगे परन्तु ऐसा नहीं हुआ।
आज पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के किसानों को आशा थी कि गृह मंत्री राजस्थान आए हैं तो वो प्रधानमंत्री द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए किए गए वादे को पूरा करने की बात कहेंगे मगर आश्चर्य की बात है कि अमित शाह ने ईआरसीपी को लेकर एक शब्द अपने मुख से नहीं निकाला।
शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 3 लाख रुपये तक निशुल्क इलाज की व्यवस्था की। शायद उनकी जानकारी में नहीं है कि यह योजना सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र परिवारों तक ही सीमित थी। हमारी सरकार ने चिंरजीवी योजना शुरू की है जिसमें राजस्थान के हर परिवार को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस बीमा तथा 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिल रहा है जो पूरे देश में अन्य किसी राज्य नहीं है।
शाह ने कहा कि पिछली सरकार ने किसानों को 1000 रुपये सब्सिडी दी। पूर्ववर्ती सरकार ने आचार संहिता लगने के एक दिन पहले घोषणा की थी कि किसानों को 833 रुपये प्रति महीने की सब्सिडी दी जाएगी पर इसका कोई वित्तीय प्रावधान नहीं था और ये केवल हवाई घोषणा थी।
हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना शुरू कर किसानों को 1000 रुपये प्रति वर्ष सब्सिडी दी है जिससे करीब 8 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है।
अमित शाह ने कहा कि वसुंधरा राजे की सरकार ने 50 हज़ार तक की कर्जमाफी की। 2018 के चुनावी साल में बीजेपी सरकार ने सहकारी बैंकों से किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्जमाफ करने की घोषणा की जिसके लिए 8000 करोड़ रुपये की जरूरत थी परन्तु बीजेपी सरकार सिर्फ 2000 करोड़ का ही प्रावधान किया था।
इस घोषणा के बाकी 6000 करोड़ रुपये हमारी सरकार ने चुकाए। हमारी पार्टी ने किसान कर्जमाफी का वादा सरकार में आने के तीसरे दिन ही पूरा कर सहकारी बैंकों से करीब 21 लाख किसानों की 8000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी की। हमारी सरकार ने कोई सीमा नहीं रखी और हर एक किसान की जानकारी जनसूचना पोर्टल पर अपलोड की है।