नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले बंटी और बबली को गिरफ्तार

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राजस्थान एसओजी की कार्रवाई

जयपुर

एसओजी ने महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार में फर्जी प्रिंसिपल एडवाइजर बनकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पति-पत्नी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

महानिदेशक एटीएस एवं एसओजी ने बताया कि एसओजी में शिकायत प्राप्त हुई थी कि नितिन गुप्ता जो अपने आप को विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार में प्रिंसिपल एडवाइजर बताता है एवं अपनी पत्नी शिखा गुप्ता को केन्द्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड का सदस्य बता कर कई लोगों से फिल्म प्रमाणन बोर्ड का सदस्य बनाने, रेलवे में नौकरी लगाने, एफसीआई में नौकरी लगाने, बैंक में नौकरी लगाने व मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए एवं ना तो नौकरी लगाई एवं नाही एडमिशन कराया।
उन्होंने बताया कि शिकायत पर एसओजी में प्रकरण दर्ज कर जांच करवाई गई तो पता चला कि विधि एवं न्याय मंत्रालय में नितिन गुप्ता नाम का कोई प्रिंसिपल एडवाइजर नहीं है एवं शिखा गुप्ता द्वारा परिवादी की पत्नी को जो केन्द्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड का सदस्य बनाने का आदेश दिया गया था वह भी फर्जी था। इस पर पुलिस अधीक्षक एसओजी के पर्यवेक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करन शर्मा के निर्देशन में पुलिस उप अधीक्षक चिरंजीलाल व उप निरीक्षक हरलाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर आज प्रातः नई दिल्ली प्रीत विहार में स्थित इनके फ्लैट से दोनों को दस्तयाब किया गया और उनके कब्जे से विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार लिखी हुई सफारी गाड़ी को जप्त किया गया है।

दोनों से पूछताछ पर बताया कि नितिन गुप्ता जो अलीगढ़ के पास अतरौली का रहने वाला है एवं जो शुरू में मेरठ में कंस्ट्रक्शन का काम करता था एवं कई राजनेताओ एवं अधिकारियों से अपने सम्पर्क होना बताता है जिसकी वजह से उसका दिल्ली आना जाना रहता था।

मेरठ में नितिन गुप्ता की मुलाकात शिखा चोपड़ा जो एक मैरिज ब्यूरो में काम करती थी से होने पर दोनो ने नितिन गुप्ता के शादीशुदा एवं दो बच्चों का पिता होने के बाद भी शादी कर ली और दिल्ली में रहने लगे। दिल्ली में दोनों पति-पत्नि ने केंद्रीय मंत्रालयों में संबधं बनाकर लोगों के काम कराने के नाम पर धोखाधडी करना शुरू कर दिया।

इससे पूर्व नितिन गुप्ता ने अपनी जान पहचान के आधार पर वर्ष 2014 में विधि एवं न्याय मंत्रालय में प्रिंसिपल एडवाइजर का पद दिए जाने की सिफारिश कराई लेकिन वह पद न मिलने पर भी नितिन गुप्ता ने इस पद के विजिटिंग कार्ड व लेटर पैड आदि छ्पवाकर काम में लेना शुरू कर दिया और गाड़ी पर भी नंबर प्लेट के साथ उपरोक्त पद का नाम लिखकर लोगों पर रौब जमाता था। शादी के बाद वर्ष 2017 में नितिन गुप्ता ने अपनी दूसरी पत्नी शिखा गुप्ता को 2 साल के लिए केन्द्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड का सलाहकार सदस्य नियुक्त करवा लिया जिसके बलबूते इनका सभी मंत्रालयों में आना जाना और आसान हो गया।

दोनों ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड आदि राज्यों में काफी संख्या में लोगों से नौकरी दिलाने, पद दिलाने एवं एडमिशन कराने के नाम पर रुपए ठगे हैं जिनके बारे में दोनों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है।

बंटी बबली को पकड़ने में इन सबका योगदान रहा

चिरंजी लाल उप अधीक्षक पुलिस,   हरलाल उप निरीक्षक,  शैलेन्द्र शर्मा हैडकानि, संतोष कुमार हैडकानि, गुमान सिंह कानि,  प्रवीण कुमार कानि,  महेन्द्र कानि,  कविता महिला कानि,  जमना प्रसाद कानि,  राकेष कुमार कानि।

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