अशोक गहलोत की सरकार ही गद्दारों से चल रही है,  सचिन पायलट को गद्दार कहना अनुचित होगा – नवीन यादव

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हर मंत्री का ए सी आर 1000 आम लोगों से भरा, 10 मंत्रियों से होगी शुरुआत

जयपुर / योगेश शर्मा जर्नालिस्ट। राजस्थान में चल रहे सत्ता के ड्रामे के बीच कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी रहे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव नवीन यादव का कहना है कि इस उम्र में खुद को गांधीवादी कहलाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट को बार-बार गद्दार कहना शोभा नहीं देता।

नवीन यादव का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ व युवाओं के आदर्श हमेशा संयम बरतने वाले गांधीवादी कहलाने वाले अशोक गहलोत को शोभा नहीं देता कि अपनी इस उम्र में अपना आपा खोकर सचिन पायलट को बार-बार गद्दार कहकर मीडिया में प्रचारित करें। जबकि उनकी खुद की सरकार निर्दलीय विधायकों पर निर्भर है, जो कि कांग्रेस का सिंबल नहीं मिलने पर कांग्रेस से गद्दारी कर चुनाव लड़े। उनके बारे में मुख्यमंत्री का क्या कहना है।

उन गद्दारों में से कुछ उनके राजनैतिक सलाहकार भी हैं, जो उन्होंने खुद बनाए हैं। क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शरद पवार ,ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी को कांग्रेस का गद्दार कहकर राष्ट्रीय राजनीति के अंदर बवाल नहीं पैदा कर सकते हैं। इस पर अशोक गहलोत को अपनी गद्दार कहने की सोच का स्पष्टीकरण देना चाहिए।

यादव का कहना है कि यह आम कार्यकर्ता की मांग है कि राजस्थान से राज्यसभा में जीते तीन सांसद मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, तिवारी भी उन्हीं गद्दार विधायकों के वोटों पर ही जीत कर राज्यसभा में सांसद बने हैं। उन्हें भी गद्दारों के बारे में अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए।

राजस्थान में पिछले कई वर्षों से कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं कर पा रही है और यह आगे कैसे हो कि कांग्रेस सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में रिपीट कर पाए,इस और ध्यान ना देकर एक नेता अपनी गद्दी बचाने के लिए लड़ रहा है और एक नेता गद्दी पाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

ऐसे में कांग्रेस का कार्यकर्ता असमंजस में है कि वह क्या करें। यादव ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विश्वास के चलते हैं और उनकी खून पसीने की मेहनत के चलते मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल ने विश्वास मत पाया।

अब उन मंत्रियों की एसीआर भरने के लिए कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ता व आवाम अपने विचार सामने लाए। सभी मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र से 1000 कार्यकर्ता व आवाम से फार्म भरवाए जाएं कि जिसमें उनका पता व मोबाइल नंबर भी रहे। तथा यह पूरा ब्यौरा आलाकमान को दिया जाए।

नवीन यादव ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि राजस्थान में sc की 34 विधानसभा सीटें ,st की 25 विधानसभा सीटें हैं। इसके अलावा यह दोनों वर्ग राजस्थान के संपूर्ण 200 विधानसभा क्षेत्र पर अपना प्रभाव रखती है, लेकिन कांग्रेस ने कभी इनको तवज्जो नहीं दी। कांग्रेस को सरकार रिपीट करनी है तो इसमें से कोई बड़ा प्रयोग करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष sc-st में से किसी को बनाकर इन लोगों में अपना विश्वास कायम करना होगा।   

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