जयपुर/ प्रदेश के अलवर मुक बधिर नाबालिक के साथ गैंगरेप की घटना को लेकर राजस्थान में इस सर्दी के मौसम में भी उबाल आने और चल रही राजनीति तथा सरकार की देशभर मे किरकिरी के बीच सीएम गहलोत ने उक्त मामले की जांच सीबीआई(CBI) से कराने का निर्णय लिया वही दूसरी आज जहां अलवर एसपी ने अपने 2 दिन पूर्व दिए गए बयान पर यू-टर्न लेते हुए बालिका से गैंगरेप की संभावना जताई है।
अलवर में मूकबधिर बच्ची के साथ गैंगरेप करने के मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) करेगी। राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार को CBI से जांच कराने की सिफारिश भेजने का निर्णय लिया है। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
पांच दिन बाद भी राजस्थान पुलिस गैंगरेप के आरोपियों की पहचान नहीं कर पाई है। अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम का यू-टर्न लिया है। रविवार को गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य एसपी से मिले तो एसपी ने कहा कि रेप की आशंका से इनकार नहीं किया गया है। विदित है की दो दिन पहले एसपी ने कहा था कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने की आशंका नहीं लगती है।
तेजस्विनी गौतम ने कहा- मैंने मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से पहले जानकारी दी थी। अभी पुलिस के स्तर पर हर एंगल से जांच जारी है। हमारी जांच पूरी नहीं हुई है। मैंने अभी तक के तथ्य बताए थे। हम हर एंगल पर जांच कर रहे हैं। कोई निष्कर्ष नहीं दिया है। एसपी के इस बयान से साफ लग रहा है कि अभी रेप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। मतलब पुलिस की जांच चल रही है। पहले केवल मेडिकल एक्सपर्ट पैनल की रिपोर्ट के आधार पर कहा गया था कि रेप नहीं लग रहा है।
CBI से जांच कराने का निर्णय रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर वीसी के माध्यम से हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध शाखा आरपी मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुरक्षा , एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी एवं जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार शुक्ला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।