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राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्रियों और IAS अधिकारियों मे बढ़ते टकराव - Dainik Reporters

राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्रियों और IAS अधिकारियों मे बढ़ते टकराव

Dr. CHETAN THATHERA
11 Min Read

जयपुर/ राजस्थान में गहलोत सरकार का यह अंतिम साल है और 8 माह बाद विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं लेकिन गहलोत सरकार के शासनकाल में यह पहला अवसर है जब सरकार के मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच टकराव के हालात लगातार होते रहें और अब तक 10 से अधिक मामले मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच टकराव के सामने सार्वजनिक तौर पर आ चुके हैं ।

पिछले सप्ताह ही इसी तरह का एक मामला और सामने आया था जब महिला व बाल विकास विभाग के मंत्री ममता भूपेश ने अपने ही विभाग में निशुल्क पोषाहार वितरण में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले को लेकर ईमानदार आईएएस अधिकारी डॉ समीर शर्मा के साथ टकराव हो गया और उन्हें अपने विभाग से हटवाया। 

यह था मामला महिला व बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश भर में 2800000 बच्चों को निशुल्क पोषाहार वितरण किया जाता है यह पोषाहार प्रदेश भर के 62000 आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिया जाता है ।

इसके राज्य व केंद्र सरकार ने मिलकर 1000 करोड रुपए का बजट पारित किया हुआ है जनवरी 2023 में धौलपुर के कलेक्टर अनिल कुमार जैन ने विभाग के सचिव डॉ समीर शर्मा को बताएं कि बहुत से केंद्रों पर पोषाहार के तहत 25 से 30% सामग्री पहुंच रही है ।

जबकि भुगतान 100% सामग्री का उठाया जा रहा है कलेक्टर ने मामले की जांच की और उसे सरकारी कर्मियों को इस घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट डॉ समीर शर्मा के पास जयपुर भिजवाई जोकि महिला व बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव का कार्य देख रहे थे।

रिपोर्ट के आधार पर डॉ शर्मा ने मंत्री भूपेश बघेल को ऐसे सरकारी कार्मिकों को निलंबित किए जाने की सिफारिश के लिए फाइल भेजिए लेकिन मंत्री ने वह फाइल यह कहकर वापस भेज दी की जांच वापस कराएं ।

इस पर डॉ शर्मा ने मंत्री को यह लिख कर वापस फाइल भेजी की जांच एक आईएएस अधिकारी ने की है ऐसे में दोबारा जांच की कोई जरूरत नहीं है पोषाहार में फर्जीवाड़े को लेकर डूंगरपुर जिले के चौरासी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार रोत ने भी मंत्री ममता भूपेश को भ्रष्टाचार की शिकायत पत्र के द्वारा की थी ।

मंत्री ममता भूपेश में शायद भ्रष्टाचार की जांच के छींटे अपने दामन पर आने के डर से ईमानदार आईएएस अधिकारी डॉ समीर शर्मा का चार्ज बदला दिया।

इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी होती रही हैं और कब-कब मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच हुआ टकराव आइए जाने

मंत्री अशोक चांदना और आईएएस अधिकारी कुलदीप राका

पिछले साल खेल मंत्री अशोक चांदना ने यह कहकर राजनीतिक हलके में खलबली मचा दी थी कि उनके ही विभाग मैं कुछ नहीं चलती है सारा काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप राका ही देखते हैं ।

हालांकि अशोक चांदना की नाराजगी राज्य क्रीड़ा परिषद की चेयरमैन कृष्णा पूनिया ज्योति विधायक है से थी लेकिन चांदना की सिफारिश पर काम आगे नहीं बढ़ने पर उन्होंने इसकी शिकायत कुर्ती रातों को की थी ।

लेकिन राका की ओर से उन्हें कोई राहत नहीं मिली तक चांदना ने सोशल मीडिया पर मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर खलबली मचा दी थी तब इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए चांदना को समझा कर शांत किया था।

कृषि मंत्री कटारिया और शासन सचिव दिनेश कुमार के बीच टकराव

एक माह पूर्व था जनवरी में कैसे मंत्री लालचंद कटारिया ने अपने ही विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार के कामकाज से नाराजगी व्यक्त की थी कटारा ने सरकार को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी बताया जाता है।

कि कृषि बजट को तैयार करने के दौरान दोनों के बीच अनुबंध की स्थिति बनी आईएएस दिनेश कुमार के पास राजस्थान भंडारण निगम का भी चार्ज है ऐसे में वहां से संबंधित कई मामलों को लेकर मंत्री और दोनों के बीच टकराव सामने आया।

तत्कालीन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और डॉ समित शर्मा आईएएस के बीच टकराव

चिकित्सा विभाग के तत्कालीन चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा थे तब सन 2019 में चिकित्सा विभाग में भर्तियों को लेकर उस समय के तत्कालीन आईएएस अधिकारी डॉ समीर शर्मा के बीच विवाद हुआ था और इस विवाद के बाद आईएएस अधिकारी डॉक्टर शर्मा का विभाग के तबादला किया गया था।

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और आईएस अंतर सिंह नेहरा के बीच

आईएएस अधिकारी अंतर सिंह नेहरा जयपुर के कलेक्टर थे उस दौरान सन 2021 और 2022 में खाद्य व रसद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने उनके तौर-तरीके प्रशासन पर पकड़ना होने और जनप्रतिनिधियों को सम्मान ना देने की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी खाचरियावास द्वारा बार-बार शिकायतें करने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने आईएएस नेहरा का तबादला कर दिया था।

पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा और आईएएस अर्पणा अरोरा

इस साल जनवरी महा में पंचायती राज विभाग के मंत्री रमेश मीणा और प्रमुख सचिव अर्पणा अरोरा के बीच एक लग्जरी गाड़ी को अपने पास रखने के लेकर विवाद चल रहा था तब मीणा ने मुख्यमंत्री तक मामला ले जाने की बात मीडिया में कही थी

 और उसके बाद वह इस विवाद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक गए थे के बाद करीब एक पखवाड़े पूर्व ही अर्पणा अरोड़ा का तबादला कर दिया गया और अब वह गाड़ी जिस पर विवाद हो रहा था वह मीणा के प्रोटोकॉल में लगी हुई है।

खाद्य मंत्री खाचरियावास और आईएएस आशुतोष पेडणेकर

खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विभाग के प्रमुख शासन सचिव आशुतोष पेडणेकर के बीच पिछले साल नवंबर 2022 में मंत्री का धन्यवाद स्नेह खाद्य विभाग में गरीब लोगों को मिलने वाले गेहूं करीब 100 मेट्रिक टन को लैक्सो जाने का जिम्मेदार नेहरा को ठहराते हुए ।

नाराजगी व्यक्त की थी और उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी इस पर आशुतोष पेडणेकर कर तत्काल तबादला कर दिया गया था मंत्री खाचरियावास है तो सार्वजनिक तौर पर आईएएस अधिकारियों की एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को देने तक का मुद्दा उठाया था।

पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा आईएएस भगवती प्रसाद कलाल

राज मंत्री रमेश मीणा पिछले साल नवंबर 2022 में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने बीकानेर गए थे और जब वह मंच से भाषण दे रहे थे ।

तभी बीकानेर के जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल भी मंच पर ही बैठे हुए थे कोई फोन कॉल आने पर कलाल ने उसे रिसीव किया तो मंत्री मीणा डाइस से ही कलेक्टर कलाल पर भड़क उठे और सार्वजनिक तौर पर मंच से ही माइक से कलाल को आकर चले जाने के लिए कहते हुए उनको बेइज्जत कर दिया था।

जलदाय मंत्री जोशी और आईएएस सुधांशु पंत

जलदाय विभाग के मंत्री महेश जोशी और विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंथ के बीच नवंबर 2021 में विवाद हो गया था तब पंत का तबादला कौन सा मंडल में किया था उसके बाद पिछले 1 वर्ष में पंत का दो बार तबादला किया गया और अब सुधांशु पन दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं।

डॉक्टर बी डी कल्ला और आइएएस संदीप वर्मा के बीच टकराव

सन 2020 में तत्कालीन जलदाय मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला और विभाग के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा के बीच विभागीय कामकाज को लेकर काफी विवाद हुआ और इस विवाद का पटाक्षेप वर्मा के तत्काल तबादले से किया गया।

मंत्री बृजेंद्र ओला और आइएएस संदीप वर्मा के बीच टकराव

प्रदेश की वीरों के सी में हाल ही में वह दोनों तो कर अत्यंत मुख्य सचिव बने संदीप वर्मा को 3 अगस्त 2022 को रोडवेज के चेयरमैन पद पर लगाया गया था वहां पर उन्होंने एक मामले में रोडवेज की पैरवी अदालत में ठीक ढंग से नहीं करने से करोड़ों रुपए का नुकसान होने संबंधी मामले को लेकर विभाग में भर्ती की लापरवाही उजागर होने से परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला का विवाद हो गया और वह केवल 88 दिन ही अपने पद पर रह पाए और उनका वहां से तबादला कर दिया गया।

खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और 7 आईएएस अधिकारियों के बीच टकराव

गहलोत शासन में मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों के बीच सबसे ज्यादा टकराव खान विभाग के मंत्री प्रमोद जैन भाया और आईएएस अधिकारियों के बीच रहा सन 2020 में आईएएस गौरव गोयल को पेट्रोलियम और खान विभाग के निदेशक पद पर लगाया गया तो खान मंत्री प्रमोद जैन भाया से उनकी नहीं बनी।

मात्र 5 महीने बाद जुलाई 2020 में उनका तबादला कर जेडीसी जयपुर लगाया गया उसके बाद खान विभाग के तहत राजस्थान खनिज निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर जनवरी 2019 के बाद से अब तक 6 आईएएस अधिकारी जिन्नति रमेश विकास सीताराम भाले सोमनाथ मिश्रा ओमप्रकाश का सेहरा कुंज बिहारी पांडेय प्रदीप गवाड़े से उनकी पटरी नहीं बैठी और उनके तबादले करवाएं और वर्तमान में आईएएस अधिकारी करण सिंह को भी बदले जाने के लिए कवायत कर दी है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम