Jaipur News – पूरे अमन और चैन के साथ रविवार को शहर के जेएलएन मार्ग पर हजारों लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की अगुवाई में नागरिकता संशोधन कानून और राष्टï्रीय सुरक्षा रजिस्ट्रर (Citizenship Amendment Act and National Security Register) के विरोध में संविधान बचाओ शांति मार्च निकाला गया। अल्बर्ट हॉल से करीब बारह बजे शुरू हुआ मार्च गांधी सर्किल तक मौन रहकर निकाला गया,यहां मार्च सभा में तब्दील हो गई। सभा में गहलोत केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को समझना होगा तानाशाही तरीके से देश नहीं चलेगा। बहुमत से कानून तो पास हो सकता है लेकिन लागू नहीं किया जा सकता। राजस्थान में किसी भी सूरत में उनकी सरकार नागरिकता संशोधन कानून और राष्टï्रीय सुरक्षा रजिस्ट्रर लागू नहीं करेगी। देश के आठ राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार को यह दोनों कानून वापस लेने होंगे।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि जहां-जहां उनकी सरकार है वहां आंदोलन दबाने के लिए गोली चलाई जा रही है। अकेल यूपी में 15 लोगों की मौत हो गई है। गहलोत ने तल्ख अंदाज में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से सवाल भी किए कि क्या वे धर्म के नाम पर संविधान में संशोधन कर रहे? क्या एनआरसी लागू करके क्या आप देश में शरणार्थी शिविर खोलना चाहते हो? यह किसी हाल में मंजूर नहीं है। आप घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करो कौन रोकता है लेकिन हिन्दू राष्टï्र बनाने के बीज बो रहे हो तो इसका विरोध होगा। शांति मार्च को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। इंनटनेट बंद रखा गया। मेट्रो,बस सेवा ,बाजारों को सुरक्षा की दृष्टिï से बंद रखा गया। सभा स्थल और मार्च के रास्तों की ड्रोन से निगरानी की गई। सभा को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट , राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य ,एलजेडी के नेता शरद यादव सहित अन्य पार्टियों के नेता और एनजीओ प्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। सभा में पूरे समय तिरंगे लहराते रहे और भारत माता की जय के नारे लगते रहे।
पायलट बोले संविधान की भावना हो रही है तार-तार
सभा में सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि केन्द्र सरकार के सामने कई तरह की चुनौतियां है लेकिन वो देश में दूसरे तरह का माहौल बनाने में लगे हुए है। संविधान की भावना को तार-तार कर रहे हैं। संशोधन विधेयक पहले भी आए है। लेकिन इस तरह से नहीं। भाजपा के सहयोगी दल भी इस राजनीति को समझ रहे हैं। इसलिए इन कानूनों को लागू करने से इनकार कर रहे हैं। जेडीयू नेता यादव ने कहा कि या तो यह कानून वापस होगा या फिर यह सरकार वापस जाएगी।
जेएलएन मार्ग स्थित गांधी सर्किल पर आयोजित सभा के मंच पर सीएम गहलोत, डिप्टी सीएम के अलावा एलजेडी नेता यादव, सीपीआई नेता तारा सिंह सिद्धू, आरएलडी नेता जयंत चौधरी , आप पार्टी के रामपाल जाट ,पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव , विधायक बलवान पूनिया , अरूणा राय समेत अन्य दलों के नेता और राज्य सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, भंवर सिंह भाटी, लालचंद कटारिया, आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत और विधायक अमीन कागजी भी मंच पर मौजूद रहे। शांति मार्च में इनके अलावा सिविल सोसाइटी, एनजीओ, व्यापार मंडलों, कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि और सदस्यों समेत हजारों लोग शामिल हुए ।
शांति मार्च के दौरान जेएलएन मार्ग पर हजारों की तादाद में लोग हाथों में तिरंगा झंडा लिए हुए थे। हजारों लोगों की इस भीड़ ने शांतिपूर्वक सीएए और एनआरसी के विरोध में शांति मार्च निकाला। इस दौरान देशभक्ति और महात्मा गांधी से जुड़े गीत भी गूंजते रहे। शांति मार्च के साथ हजारों की तादाद में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहे।
सभा में मंच संचालन परिवहन मंत्री ने किया। उन्होंने भाषणों के बीच-बीच में नारेबाजी करवा कर भीड़ में जोश भरा वहीं सभा समाप्त होने के बाद उन्होंने लोगों से तिरंगा अपने घरों पर लगवाने की अपील की।
पहले शाह सदन में एवं रविवार को मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं। ये कहना क्या चाहते हैं?पाकिस्तान से प्रताडि़त होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले, इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिखना क्या गलत था? अब भी जो प्रताडि़त होकर आते हैं उन्हें नागरिकता/सुविधाएं दिए जाने से कौन रोक रहा है? इसमें हिन्दू या मुसलमान किसको शिकायत हो सकती है? शिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं।
कानून के विरोध में रविवार को यहां ज्यों-ज्यों सैलाब बढ़ता गया,वहां मौजूद नेताओं और भीड़ में जोश बढ़ता गया। लोगों ने हाथों में तिरंगा झण्डा लिए अल्बर्ट हॉल से त्रिमूर्ति सर्किल,जेडीए सर्किल,यूनिवर्सिटी होते हुए गांधी सर्किल तक मार्च निकाला। गांधी सर्किल पर सभा शुरू होने के दो घंटे बाद तक शांति मार्च के लिए उमड़ा काफिला थमने का नाम नहीं लिया। मोती डूंगरी रोड पर सिविल सोसायटी के आह्वïान पर हुई सभा के बाद लोग अपने हाथों में तिरंगा झण्डा और तख्तियां लेकर अल्बर्ट हॉल पर पहुंचे, जहां पर पहले से ही मंच पर मुख्यमंत्री , पायलट सहित नेता जुट गए थे। मंच के पीछे संविधान बचाओ का स्लोगन लिखा होर्डिंग लगाया गया। वहां से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शांति मार्च गांधी सर्किल के लिए रवाना हुआ। मार्च के दौरान मौन रहने का आग्रह किया गया था। इसकी पूरी पालना रास्ते में दिखाई दी।
अल्बर्ट हॉल पर परिवहन मंत्री ने मंच का संचालन करते हुए एमडी रोड की सभा से भीड़ आने तक वहां समा बांधे रखा। लोग इधर उधर होते तो खाचरियवास भारत माता की जय बुलाते हुए देशभक्ति के नारे लगवाते। उपस्थित लोगों में जोश देखते हुए बन रहा था। मोती डूंगरी रोड पर भीड़ होने से अल्बर्ट हॉल पर काफिला सांगानेरी गेट, एमआई रोड, रामनिवास गार्डन होते हुए पहुंचा।
जेएलएन मार्ग पर विश्वविद्यालय के पास में शांति मार्च के दौरान ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज अदा की। इस दौरान ङ्क्षहदू धर्म के लोग भी वहां मौजूद रहे। धार्मिक सद्भाव का परिचय दिया।
शांति मार्च के दौरान त्रिमूर्ति से विश्वविद्यालय मुख्य द्वार तक भीड़ जमा हो गई,जिसके चलते लोग थोड़ी देर आराम के लिए छाव तलाशते रहे। रास्ते में वाटर कूलर और प्याऊ पर पानी पीने वालों की कतारें लग गई।
मार्च के दौरान जेएलएन मार्ग के दोनों तरफ कॉलोनियों के मुख्य गेट बंद रखे गए। विशेषकर त्रिमूर्ति से गणेश मंदिर तक और जेडीए सर्किल से गांधी सर्किल तक विश्वविद्यालय की सामने वाली साइड में। पुलिस के विशेष बंदोबस्त के बावजूद भी भीड़ टोंक रोड तक पहुंच गई। भीड़ एकत्र कर क्या संदेश देना चाहती है राज्य सरकार?