पानी के संकट के समाधान
जयपुर
खुश खबरी ये है कि पानी के संकट के समाधान के लिए करीब 6 वर्ष पूर्व तैयार की गई ईशरदा परियोजना का कार्य शुरू हो गया है। इसकी घोषणा शुक्रवार को जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने की। कल्ला ने यह भी स्पष्ट कहा कि पण्डित नवल किशोर शर्मा की नगरी दौसा में किसी को भी प्यासा नहीं मरने दिया जाएगा। मंत्री शुक्रवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुजरात के राज्यपाल रहे पण्डित नवल किशोर शर्मा के 95 वें जन्म दिवस समारोह पर सामुदायिक भवन में प्रतिभा सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस बांध के बनने से जयपुर, दौसा और सवाई माधोपुर जिले की जनता को पानी मिलेगा।
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि दौसा में पानी की समस्या पिछले 50 साल से चली आ रही है।
पण्डित नवल किशोर शर्मा की जयंती
यदि इसका समाधान होता है तो पण्डित नवल किशोर शर्मा की जयंती पर दौसा वासियों को इससे बड़ा और कोई तोहफा नहीं हो सकता। गत कांग्रेस शासन में दौसा की पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए ईशरदा प्रोजेक्ट पर बजट सत्र में 531 करोड़ की घोषणा की गई थी। लेकिन भाजपा के शासनकाल में इस योजना पर बजट बढ़कर 1800 करोड़ पहुंच जाने के कारण इसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया। अब प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में आई और मुरारी लाल मीणा फिर से विधायक बने तो उन्होंने इस परियोजना पर जोर देते हुए जलदाय मंत्री से इस योजना का काम जल्दी पूरा करने और दौसा जिले की जनता को पानी की समस्या से शीघ्र छुटकारा दिलाने की बात कही।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पण्डित नवल किशोर शर्मा के पुत्र बृज किशोर शर्मा ने जलदाय मंत्री से दौसा की पानी की समस्या का समाधान किए जाने की मांग की। इस पर जलदाय मंत्री ने कहा की ईशरदा बांध का काम शुरू हो गया है और इस योजना के पूरा होते ही यह समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि दौसा की जनता को प्यास नहीं मरने दिया जाएगा।
सरकार ने 1038 करोड़ की मंजूरी
ईशरदा बांध के लिए सरकार ने 1038 करोड़ की मंजूरी दिए जाने के बाद बांध का काम जहां शुरू कर दिया गया है,वहीं डूब क्षेत्र में भूमि अवाप्ति और मुआवजा राशि देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। सरकार ने वर्ष,2004 में बांध का कार्य शुरू कराने का निर्णय किया था। वर्ष,2008 में इस बांध के निर्माण पर 40 करोड़ रुपए भी खर्च कर दिए थे। वर्ष,2013 में 530 करोड़ मंजूर किए थे,लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते इसका काम आगे नहीं बढ़ सका।