टोंक, (फिरोज़ उस्मानी)। प्रदेश मे बी श्रेणी मे आने वाला टोंक का जिला सआदत अस्पताल के चिकित्सकों की मनमानी के चलते मरीजों को परैशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के चिकित्सक चंद पैसों की लालच मे मरीजों के प्रति अपना फर्ज भी भूलते जा रहे है। अस्पताल मे आने वाले कई बिमारीयों से ग्रसित पीडि़त रोगियों को चिकित्सकों का घंटों इन्तेजार करना पड़ता है।
सआदत अस्पताल मे जिले भर के हजारों मरीज रोजाना इलाज के लिये आते है। इन दिनों सआदत अस्पताल का चिकित्सकों द्वारा मरीजों को देखने का सुबह 8 से 12 व शाम को 5 बजे से लेकर 7 बजे तक का है।
नही मिलते चिकित्सक
इन दिनों मौसम मे लगातार हो रहे बदलाव के कारण पेट मे दर्द, उल्टी-दस्त व बुखार के रोजाना लगभग 15/ 16 सौ मरीज ऑऊट-डोर मे आ रहे है। तथा इतने ही इनडोर मे भी आ जाते है। अपनी बिमारीयों से कराहते मरीजों को चिकित्सकों को दिखाने के लिये घटों इतेंजार करना पड़ रहा है। ऐसा नजारा आप सआदत अस्पताल में कभी भी देख सकते है। जब अस्पताल के चिकित्सक 5 से 7 बजे तक आऊट-डोर के दोरान का समय होने के बाद 6 बजे तक भी अस्पताल मे नही पहुचतें। इससे वहां आने वाले मरीजों मे रोष व्याप्त होता है। कई मरीज तो काफी लम्बी दूरी तय कर भी यंहा आते है।
अपने निवास पर देखने में व्यस्त
दूसरी ओर जमीनी हकीकत ये है, कि मरीजों को देखने के समय अस्पताल के सरकारी चिकित्सक अपने निवास पर आने वाले मरीजों को देखने मे ही ज्यादा व्यस्त रहते है। जिसके कारण अस्पताल के ऑऊट -डोर मे मरीजों की लम्बी कतारे लग जाती है। अस्पताल मे आने वाले ये मरीज घटों अपन दर्द से जूझते दिखाई देते है। अपने निवासों स्थानों पर चंद पैसों के कमाई के आगे चिकित्सकों को मरीजों की तकलीफ से कोई सरोकार नही है। जब कुछ समय शेष रह जाता है, तब जाकर चिकित्सक अस्पताल मे कदम रखते है। चंद मरीजों को देखकर वो अपनी ड्यूटी पूरी कर वहां से निकल जाते है। ओर अपने निवास स्थान पर पहुचने वाले मरीजों मे व्यस्त हो जाते है।