चिकित्सा महकमे को है अनहोनी का इंतजार,
प्रसूताओंं की जान जोखिम में
Aligarh News (शिवराज मीना)। राज्य के उपमुख्यमंत्री के टोंंक जिला क्षेत्र में उनियारा देेेवली विधानसभा में क्षेत्रीय विधायक हरीशचंद्र मीणा के विधानसभा क्षेत्र मेें उनियारा तहसील के चौरु उप स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है, जहां पर प्रसूता महिलाओं को कोई देखने वाला कोई नहीं है। अधिकांश समय उप स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगा रहता है, इससे प्रसूता महिलाओं को मजबूरन सवाई माधोपुर एवं उनियारा जिसकी दूरी करीब 25 किलोमीटर है।
वहां पर उपचार के लिए ले जाना पड़ रहा है, इससे प्रसूता महिलाओं की जान जोखिम में बनी रहती हैं। चिकित्सा विभाग भी किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है। प्रसूता महिलाओं को प्रसव के दौरान किसी नवजात शिशु की मौत हो या प्रसूता की जान जाए तब जाकर चिकित्सा महकमे की आंखें खुलेगी।
उप स्वास्थ्य केंद्र का हाल यह है कि यहांं दिन में ही प्रसव पीडित महिलाओं को देखने की व्यवस्था नहीं तो प्रसव पीडा के दौरान रात्रि को तो उप स्वास्थ्य केंद्र का भगवान ही मालिक हैं।
आश्चर्यजनक बात तो यह है कि यह उप स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा विभाग के रिकॉर्ड में पचाला पीएचसी के अंतर्गत डिलीवरी पॉइंट है, फिर भी यहां विभाग द्वारा प्रसव पीडित महिलाओं को देखने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं कर रखी है। इसका खामियाजा प्रसूता महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है।
इससे लोगों में चिकित्सा विभाग एवं राज्य सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। इस संबंध में ग्राम पंचायत सरपंच रामसहाय मेरोठा ने तीन दिन पूर्व फोन पर उनियारा उप खण्ड अधिकारी एवं टोंक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार यादव को भी अवगत कराया गया एवं टोंक जिला प्रशासन को भी लिखित में दिया गया है एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उचित कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए थे। इसके बावजूद भी चौरु उप स्वास्थ्य केंद्र पर स्थित डिलीवरी पाइंट का कोई धणी धोरी नहींं है। इससे मजबूरन लोगों को विभाग एवं प्रशासन के विरुद्ध आंदोलातमक कदम उठाना पड़ेगा।
चौरु उप स्वास्थ्य केंद्र का हाल यह है कि यहांं पर पीडितों के लिए प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था नहीं रहती हैं। इससे क्षेत्र में झोला छाप अवैध क्लीनिकों का धंधा खुलेआम परवान चढ़ता नजर आ रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा सुविधाएं नहींं मिलने के कारण लोगों को मजबूरन महँगे दामों पर उपचार कराना पड रहा है।
एक और राज्य सरकार निरोगी राजस्थान बनाने के लिए बढे बढे दावे कर रही है, वहींं दुसरी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के जिले क्षेत्र में प्रसव पीडित महिलाओं को उपचार के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।
इस संबंध में लोगों ने करीब तीन माह पूर्व क्षेत्रीय विधायक हरीशचन्द्र मीना को पत्र देकर अवगत कराया गया था। जिस पर विधायक ने त्वरित कार्यवाही करके टोंक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उप स्वास्थ्य केंद्र पर व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे। जिस पर चिकित्सा अधिकारी ने उस दौरान वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई थी, लेकिन फिर चिकित्सा विभाग के निदेशक के आदेश होने से यहां पर स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाएं फिर डांवाडोल हो गई हैं। फिलहाल प्रसूता पीड़ित महिलाओं को उपचार के लिए दर-दर भटकना ही नसीब में लिखा हुआ है।
विधायक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देकर करवाई गई व्यवस्था भी तीन माह में ही दम तोड़ गई हैं। इससे किसी भी दिन नवजात एवं प्रसव पीड़ित को समय पर उपचार नहीं मिला तो दम तोड़ सकती हैं।