Jaipur News – राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra)ने कहा है कि पड़ोसी देशों में जहां अल्पसंख्यकों-हिंदू, ईसाई, बौद्ध, सिख और पारसी को प्रताडि़त किया जा रहा है, उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के माध्यम से जोडऩे का प्रयास किया गया है। इस कानून को लेकर जो लोग यह कह रहे हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है, वे खुद संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। संविधान को बचाने के नाम पर हिंसा की जा रही है। वातावरण का निर्माण करते हुए पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है।
पहले उसे पढ़ो तो सही उसमें आखिर है क्या है? शनिवार को यहां विद्याधर नगर स्थित उत्सव में भारत विकास परिषद (Bharat Vikas Parishad) के दो दिवसीय अधिवेशन के उद्ïघाटन के मौके पर राज्यपाल ने कहा कि भारत का संविधान ही हमारे लिए गीता, रामायण, कुरान और बाइबिल है। संहिताओं में भी पुराने काल में युग के अनुरूप संशोधन होते थे। हमारा संविधान भी उसी तरह से है। समय के अनुसार संशोधन हो रहे हैं।
राज्यपाल ने नागरिकता संशोधन कानून की चर्चा करते हुए कहा कि इससे ऐसे लोगों को समायोजित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो दूसरे देश में अल्पसंख्यक हैं और हमारे देश में आ रहे हैं। पत्थरबाजी और हिंसा के जरिए रोड़ा डाला जा रहा है। यह देश के वातावरण को खराब कर रही है।
मिश्र ने कहा कि समाज की समरसता को निहित स्वार्थ जब क्षति पहुंचाने लगते हैं,तो उससे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले प्रयास न केवल समाज बल्कि हम सभी की विवेकशील भूमिका का यह एक अहम टेस्ट होता है। यह सभी लोगों की बौद्धिक ही नहीं नैतिक दायित्व का हिस्सा है। राज्यपाल ने कहा वैचारिक दृष्टि से हमारी स्पष्टता है। जो हमारे देश के विचारों का अवमूल्यन करना चाहता है।उसके जवाब के लिए बौद्धिक तैयारी भी होनी चाहिए। लोगों को सम्पर्क, सहयोग, संस्कार और समर्पण की भावना के साथ आगे बढ़ाना होगा। लोगों को भारतीयता के आधार पर आचरण करना होगा। भारत में भौगोलिक विविधता के साथ एकता है। सभी लोग भावनात्मक एकता के सूत्र में बंधे हुए हैं।
देश को आगे बढ़ाने में एकता महत्वपूर्ण होती है। समारोह को भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश चन्द्र गुप्ता, रीजनल चेयरमैन शांतिलाल पनगडिय़ा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम की जानकारी संयोजक रणवीर सिंह त्यागी ने दी और हेमन्त जोशी ने आभार ज्ञापित किया।